*******मैं राही हूं*******
(१)मैं राही हूं मैं राही हूं
चलना ही काम है मेरा
मिलेगा क्या मुझे चलकर
सोचना काम नहीं मेरा
सृजन के रास्ते जाऊं न बाधाओं से घबराऊं
जब तलक अनुनय
जगत में है मेरा डेरा ।
(२) रोकना काम है जग का
टोकना काम है जब का
मुसाफिर हूं मैं मंजिल का
लक्ष्य ना भटके निज डग का
खुशहाली छोड़ के जाऊं – जहां तक पहुंच मैं पाऊं
“अनुनय” याद रखता हूं
हिसाब में अपने पग पग का ।
“राजेश व्यास अनुनय”