मैं रखती हुं दिल में जिनको…
मैं रखती हूं
दिल में जिनको
जुबां से उनको काट जाती हूं ?
अरी ओ… छुटकी…
बड़ी बेकार फितरत है मेरी
अपनों को ही डांट आती हूं .?
जुबां पे आग लिए फिरती हुं
दिल बेदाग है मेरा
जख्म देने वालों में भी
दुआएं मैं तो बांट देती हूं
~ पुर्दिल सिद्धार्थ