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16 Nov 2018 · 1 min read

मैं बस मैं बनकर रहना चाहता हूँ

मैं बस मैं बनकर रहना चाहता हूँ
अभावो की गोद में पला हूँ
दिन के उजाले को जीने के लिए
रात-रात भर जागना चाहता हूँ
अब आईने में खड़ा हो कर
खुद पर गर्व करते देखना चाहता हूँ

मैं बस मैं बनकर जीना चाहता हूँ
किसी और के दिखाए रास्ते पर नही
मैं अपनी राह खुद तलाशना चाहता हूं
यश,अपयश की चिंता किये बिना
अपने तरीके से कुछ करना चाहता हूं
किसी और का भार स्वीकार नहीं
अपना बोझ खुद उठाना चाहता हूँ

ज़िन्दगी को बहुत जी लिया बांध कर
अब अपने पंखों से उड़ना चाहता हूं
पंक्तियों में पीछे रहना मंजूर नहीं
अब अपनी नयी कतार बनाना चाहता हूँ
चाहे कोई मुझे अभिमानी कहे
पर मैं ज़िन्दगी अपनी
अपने स्वाभिमान के साथ जीना चाहता हूँ
मैं बस मैं बनकर रहना चाहता हूँ–अभिषेक राजहंस

Language: Hindi
1 Like · 260 Views
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