Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jul 2017 · 1 min read

-मैं फौलाद ( मैं फौलाद, मैं फौलाद, हूँ हूँ, भारत माँ की औलाद।)

मैं फौलाद, मैं फौलाद, हूँ हूँ, भारत माँ की औलाद |
मैं फौलाद, मैं……………………….1

पाक आजा, आजा, आजा तु चकले फौलादी स्वाद,
मैं फौलाद, मैं फौलाद, हूँ हूँ, भारत माँ की औलाद |

तेरा आतंक तुने दिखाया हैं, अब संभल लेना तु जर्रा,
तेरे आतंक से मेरा फौलाद जगा, बचके रहना तु जर्रा,,
तुझे पता नहीं हैं, मैं हूँ मैं हूँ फौलादी उस्ताद,,
मैं फौलाद, मैं……………………….2

ए – पाक तु मेरे फौलाद से मिट्टी में दफन हो जायेगा,
ए -पाक में पानी छोडू भी तो, तु पानी में बह जायेगा,,
बचना तो तेरा नामुमकिन कौए मनायेंगे श्राद,,
मैं फौलाद, मैं……………………….3

मर्दानी जोश तुनें देखा नहीं हम दिल में रखते जोश,
अभी तो अठारह का बदला लिया, तु खो बैठा होश,
आजा तु हमसे टकराले ऊबल रहा फौलाद,,
मैं फौलाद, मैं………… …………….3

दरिंदगी तेरे में छुपि हैं आतंक कराने में तु देता साथ,
बहूत हो चुका ये तेरा आतंक अब नहीं रहेंगे तेरे हाथ,,
सुनले अब तुँ पाक,मैं लासो की करदूँगा बर्षाद,,
मैं फौलाद, मैं………………………4

तु आतंक का गर्जन, पर मैं तो फौलादी बन बरसता,
जर्रा मुझमें झाक ले पाक, मैं मिट्टी में दफन करता,,
पवित्र भारती में न, तु करले पाक धरा यादाद,,
मैं फौलाद, मैं………. ……………..5

हसरत तेरी में बदल डालूँगा, दूनिया से तेरा ओझल,
सभंल जा जर्रा पाक वर्ना धरा होगी तेरे रक्त से लाल,,
हम तैयार रण में आजा पाक तेरी न औकाद,,
मैं फौलाद, मैं……………………… 6

मैं फौलाद, मैं फौलाद, हूँ हूँ, भारत माँ की औलाद |
पाक आजा,आजा, आजा तु चकले फौलादी स्वाद||

रणजीत सिंह “रणदेव” चारण
मुण्डकोशियां
7300174927

Language: Hindi
Tag: गीत
344 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बेइमान जिंदगी से खुशी झपट लिजिए
बेइमान जिंदगी से खुशी झपट लिजिए
नूरफातिमा खातून नूरी
बाल कविता: भालू की सगाई
बाल कविता: भालू की सगाई
Rajesh Kumar Arjun
सुकर्म से ...
सुकर्म से ...
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कन्हैया आओ भादों में (भक्ति गीतिका)
कन्हैया आओ भादों में (भक्ति गीतिका)
Ravi Prakash
ज़िंदगी की ज़रूरत में
ज़िंदगी की ज़रूरत में
Dr fauzia Naseem shad
मैं ना जाने क्या कर रहा...!
मैं ना जाने क्या कर रहा...!
भवेश
मोहब्बत ना सही तू नफ़रत ही जताया कर
मोहब्बत ना सही तू नफ़रत ही जताया कर
Gouri tiwari
शुभ हो अक्षय तृतीया सभी को, मंगल सबका हो जाए
शुभ हो अक्षय तृतीया सभी को, मंगल सबका हो जाए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हमने देखा है हिमालय को टूटते
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ਐਵੇਂ ਆਸ ਲਗਾਈ ਬੈਠੇ ਹਾਂ
ਐਵੇਂ ਆਸ ਲਗਾਈ ਬੈਠੇ ਹਾਂ
Surinder blackpen
शीत .....
शीत .....
sushil sarna
अंबेडकर के नाम से चिढ़ क्यों?
अंबेडकर के नाम से चिढ़ क्यों?
Shekhar Chandra Mitra
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Sakshi Tripathi
उपहास
उपहास
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
■ मुक्तक
■ मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
Shivkumar Bilagrami
मुहब्बत
मुहब्बत
Dr. Upasana Pandey
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
होकर मजबूर हमको यार
होकर मजबूर हमको यार
gurudeenverma198
3260.*पूर्णिका*
3260.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़िन्दगी का रंग उतरे
ज़िन्दगी का रंग उतरे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
खुद से उम्मीद लगाओगे तो खुद को निखार पाओगे
खुद से उम्मीद लगाओगे तो खुद को निखार पाओगे
ruby kumari
आप और जीवन के सच
आप और जीवन के सच
Neeraj Agarwal
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (1)
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (1)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पंचतत्वों (अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी, आकाश) के अलावा केवल
पंचतत्वों (अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी, आकाश) के अलावा केवल "हृद
Radhakishan R. Mundhra
कौन किसके बिन अधूरा है
कौन किसके बिन अधूरा है
Ram Krishan Rastogi
"सार"
Dr. Kishan tandon kranti
बीते लम़्हे
बीते लम़्हे
Shyam Sundar Subramanian
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ
Harminder Kaur
‘ विरोधरस ‘---3. || विरोध-रस के आलंबन विभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---3. || विरोध-रस के आलंबन विभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
Loading...