Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Sep 2016 · 1 min read

मैं नहीं शब्द शिल्पी

मैं नहीं कोई शब्द शिल्पी
जो शब्दों की ग्रन्थमाला गूथू
लिख साहित्य की विविध विधाए
गधकार कहानीकार मुक्ततकार
और अनेकानेक कार कहलाऊ

मैं नहीं कोई शब्द शिल्पी
जो देख निकलते भास्कर को
ऊषा सुन्दरी का पनघट से जल
भर लेकर आना नजर आए
या उसके पायल की झंकार
झन झन करती सी नजर आए

मैं नही कोई शब्द शिल्पी
जो देख निकलते चन्दा को
सूत कातती वृद्धा नजर आए
या आलिंगन आतुर महबूब की
प्रिया महबूबा नजर आए

मैं नहीं कोई शब्द शिल्पी
जो देख स्नाता नायिका को
नख शिख सौन्दर्य की बारीकियाँ
या देह संगुठन उन्नत माथ या
नटी कटि सी नजर आए

मैं नही कोई शब्द शिल्पी
मुझे तो बेबस माँ की वो कातर
नर्म आँखें नजर आती है
जो अपाहिज बच्चे को ले
लगाती डॉक्टर के चक्कर लगाती

मैं नहीं कोई शब्द शिल्पी
मुझे बेबस किसान की वो लाचारी
गरीबी दीनता नजर आती है
जो रख सब कुछ गिरवी
बस कर लेता है आत्म हत्या

मैं नहीं कोई शब्द शिल्पी
मुझे तो बस वे मुश्किलें
मुसीबतेंनजर आती है जो
दो वक्त की रोटी को लेकर
और सिर ऊपर छत की है

मैं नही कोई शब्द शिल्पी
मन तो मेरा भी करता है
लिख नित प्रेम पातियां प्रेम
का संसार बसा लूँ या
लिख गीत गीतकार बन जाऊँ

Language: Hindi
73 Likes · 833 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
किस्मत का लिखा होता है किसी से इत्तेफाकन मिलना या किसी से अच
किस्मत का लिखा होता है किसी से इत्तेफाकन मिलना या किसी से अच
पूर्वार्थ
*मर्यादा*
*मर्यादा*
Harminder Kaur
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
गाय
गाय
Vedha Singh
काँटों के बग़ैर
काँटों के बग़ैर
Vishal babu (vishu)
मां चंद्रघंटा
मां चंद्रघंटा
Mukesh Kumar Sonkar
***
*** " मनचला राही...और ओ...! " *** ‌ ‌‌‌‌
VEDANTA PATEL
उसकी दोस्ती में
उसकी दोस्ती में
Satish Srijan
मकर संक्रांति पर्व
मकर संक्रांति पर्व
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
एक लेख...…..बेटी के साथ
एक लेख...…..बेटी के साथ
Neeraj Agarwal
प्रणय 2
प्रणय 2
Ankita Patel
वर्तमान गठबंधन राजनीति के समीकरण - एक मंथन
वर्तमान गठबंधन राजनीति के समीकरण - एक मंथन
Shyam Sundar Subramanian
गुरु और गुरू में अंतर
गुरु और गुरू में अंतर
Subhash Singhai
जब 'बुद्ध' कोई नहीं बनता।
जब 'बुद्ध' कोई नहीं बनता।
Buddha Prakash
*अयोध्या धाम पावन प्रिय, जगत में श्रेष्ठ न्यारा है (हिंदी गज
*अयोध्या धाम पावन प्रिय, जगत में श्रेष्ठ न्यारा है (हिंदी गज
Ravi Prakash
मित्रता का बीज
मित्रता का बीज
लक्ष्मी सिंह
दोहे-मुट्ठी
दोहे-मुट्ठी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
17. बेखबर
17. बेखबर
Rajeev Dutta
किसने यहाँ
किसने यहाँ
Dr fauzia Naseem shad
जो न कभी करते हैं क्रंदन, भले भोगते भोग
जो न कभी करते हैं क्रंदन, भले भोगते भोग
महेश चन्द्र त्रिपाठी
साथ
साथ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आतंकवाद को जड़ से मिटा दो
आतंकवाद को जड़ से मिटा दो
gurudeenverma198
मेरा शरीर और मैं
मेरा शरीर और मैं
DR ARUN KUMAR SHASTRI
विनय
विनय
Kanchan Khanna
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
Poonam Matia
2761. *पूर्णिका*
2761. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
-- मुंह पर टीका करना --
-- मुंह पर टीका करना --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
बात उनकी क्या कहूँ...
बात उनकी क्या कहूँ...
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
■ साबित होता सच...
■ साबित होता सच...
*Author प्रणय प्रभात*
दिल चाहे कितने भी,
दिल चाहे कितने भी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...