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27 Aug 2017 · 1 min read

मैं तो शायद बदल गया हूं ।

मै तो शायद बदल गया हूं
पर तुझमे जज़्बात नही है ।।

और आंधियां ग़म की सहता
इस दिल के हालात नही है ।।

यादों मे तन्हाई ना हो ।
ऐसी कोई रात नही है ।।

अश्को से भीगा रहता हूं
सावन की बरसात नही है ।।

और दुखो को सह पाऊँ मै ।
अब मेरी औकात नही है ।।

राम केश मिश्र

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