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3 May 2018 · 1 min read

मैं जलता हुआ चराग़ हूं …!

मैं जलता हुआ चराग़ हूँ…बुझाया ना करो ।
मेरी हर कमियां तुम कभी बताया ना करो ।

वो क्या समझेंगे मुझे जो खुद को भी ना समझ पाए ,
जिंदगी ऐसी ही होती है इसे कभी जायां ना करो ।

तुम लाख कोशिशे कर लो मुझे गिराने की ,
इंसान हो ना ,तो ऐसे सताया ना करो ।

मैं आजकल अकसर शायद उदास रहता हूं ,
तुम आकर यू मुझे हँसाया ना करो ।

अब तो नींद भी आती नही रात भर ,
मेरी ख़्वाबो में भी इजाजत के बिना आया ना करो ।

मुझसे दूर जाना चाहते हो तो चले जाओ बेशक़
यू मेरे दिल मे आग लगाया ना करो ।

हा मुझपे मेहरबानियां है अगर तुम्हारी ,
ये इधर उधर तुम जताया ना करो ।

मेरे नाम की मेहंदी लगा रखी हो हांथो में ,
वक़्त बे वक़्त इसे मिटाया ना करो ।

हमें अब सोने दो ज़रा हम ख़्वाबों में मशगूल है ,
इस तरह हमें नींदों से तुम जगाया ना करो ।
✍?हसीब अनवर

4 Likes · 1 Comment · 527 Views
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