Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Oct 2017 · 2 min read

मैं किस ओर जा रहा हूँ

मैं किस ओर जा रहा हूँ

तुम्हारी ओर या ख़ुद की ओर
तुम किस सम्त चल रही हो
ये समझना भी उतना ही ज़रूरी है
कई बार लगता है
तुम आगे चल रही हो
और मैं पलक मूँदे
तुम्हारे पल्लू को अपनी
तर्जनी में लपेटे
ख़ुद को भूल कर
बस चला जा रहा हूँ
कई बार यूँ भी होता है
कि मैं आगे आगे भाग रहा होता हूँ
और तुम बस अपलक
मुझे भागते देखती रहती हो
शायद लौट आऊँगा
ये विश्वास है तुमको
कई रातें ऐसी कटी हैं
कि तुम नीमबाज़ आँखों से
दिवास्वप्न देख रही हो
और मैं तुम्हारे स्वप्न संग
विचरित कर रहा हूँ
स्वप्न में साथ चलना
और कभी तुम्हारे स्वप्न में
ख़ुद को ढूँढना दोनों स्वप्न के अलग पहलू हैं
और फिर मैं तुम्हारे दूधिया चेहरे को
अपलक तकता रहता हूँ
रात से सहर की ओर
तुम्हारे जानिब चलता रहता हूँ
पर कभी यूँ भी लगता है
जैसे समानांतर चल रहे हैं
कभी उँगली पकड़े
और कभी स्वतंत्र होकर
समानांतर की भी दो दिशा है
जो मरासिम की दशा बतलाती है
एक विपरीत होती है जिसमें
न मैं तुमसे उम्मीद रखता हूँ
न तुम मेरा हिसाब लेती हो
स्वच्छंद ,शून्य ,खलाओं में
एक कमरे में दो अजनबी की तरह
चलते रहते हैं थकते रहते हैं
और तब अचानक ये ख़याल आता है
कि तुम्हारे आँख में चलना
तुम्हारे साँस संग उठना
तुम्हारी उँगलियों से लिखना
तुम्हारे लम्स को चखना
तुम्हारी ज़ुल्फ़ में खोना
धवल पेशानी को छूना
और हर बोसे में अपना नाम पढ़ना
मेरी तल्खियाँ स्वतः गुम हो जात हैं
मुअम्मा ख़ुद सुलझने लगता है
और फिर मैं तुम्हारे पल्लू को
अपनी तर्जनी में लपेटने लगता हूँ………
तुम्हें रिदा समझ ओढ़ने लगता हूँ और
तुम्हारे मौजिजा नज़रों में गुम हो जाता हूँ।
तुम्हारे सपनों में ख़ुद को पाता हूँ।

यतीश १९/१०/२०१७
जानिब=ओर
रिदा =चादर
तल्ख़ियाँ= कड़वाहटे,
मुअम्मा=पुल्लिंग रहस्य की बात, भेद। बुझौवल, पहेली।
बोसे=चुम्मा, चुंबन।
मौजिजा = जादू मौजिजा नज़र का

1 Like · 1 Comment · 297 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कभी जब देखोगी तुम
कभी जब देखोगी तुम
gurudeenverma198
धमकी तुमने दे डाली
धमकी तुमने दे डाली
Shravan singh
जीवन के लक्ष्य,
जीवन के लक्ष्य,
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
आप जब खुद को
आप जब खुद को
Dr fauzia Naseem shad
संदेश
संदेश
Shyam Sundar Subramanian
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
Harminder Kaur
#सनातन_सत्य
#सनातन_सत्य
*Author प्रणय प्रभात*
हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ थे डा. तेज सिंह / MUSAFIR BAITHA
हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ थे डा. तेज सिंह / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
3028.*पूर्णिका*
3028.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
नारी सौन्दर्य ने
नारी सौन्दर्य ने
Dr. Kishan tandon kranti
फोन
फोन
Kanchan Khanna
अजब-गजब नट भील से, इस जीवन के रूप
अजब-गजब नट भील से, इस जीवन के रूप
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मौन
मौन
निकेश कुमार ठाकुर
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बुलन्दी शोहरत हो कितनी,
बुलन्दी शोहरत हो कितनी,
Satish Srijan
DR. ARUN KUMAR SHASTRI
DR. ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
महापुरुषों की मूर्तियां बनाना व पुजना उतना जरुरी नहीं है,
महापुरुषों की मूर्तियां बनाना व पुजना उतना जरुरी नहीं है,
शेखर सिंह
💐अज्ञात के प्रति-61💐
💐अज्ञात के प्रति-61💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बाल कविता : बादल
बाल कविता : बादल
Rajesh Kumar Arjun
*अयोध्या धाम पावन प्रिय, जगत में श्रेष्ठ न्यारा है (हिंदी गज
*अयोध्या धाम पावन प्रिय, जगत में श्रेष्ठ न्यारा है (हिंदी गज
Ravi Prakash
बड़े लोग क्रेडिट देते है
बड़े लोग क्रेडिट देते है
Amit Pandey
सुधर जाओ, द्रोणाचार्य
सुधर जाओ, द्रोणाचार्य
Shekhar Chandra Mitra
इजोत
इजोत
श्रीहर्ष आचार्य
नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी
नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी
कवि रमेशराज
हर बात हर शै
हर बात हर शै
हिमांशु Kulshrestha
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ताप जगत के झेलकर, मुरझा हृदय-प्रसून।
ताप जगत के झेलकर, मुरझा हृदय-प्रसून।
डॉ.सीमा अग्रवाल
" करवा चौथ वाली मेहंदी "
Dr Meenu Poonia
दोहे-बच्चे
दोहे-बच्चे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...