Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Dec 2020 · 2 min read

मैं आदमी बनूंगा

बच्चों से बात करने में बड़ा आनन्द आता है। उनकी प्यारी-प्यारी बातें , उनके अपने सपने ,बहुत ही निश्छल होते हैं। बहुत बरस हुए ऐसे ही एक दिन मेरे आस-पास कुछ बच्चे बैठे हुए थे। इधर उधर की बातें , हंसी ठिठोली , आनंद ही आनंद । इसी बीच जो सर्वदा स्वाभाविक होता है ,वह चर्चा कि तुम बड़े होकर क्या बनना चाहते हो। मैंने एक-एक कर सभी से पूछा , किसी ने कहा मैं बहुत बड़ा साहब बनूंगा किसी ने कहा डाक्टर , किसी ने इंजीनियर , सबके अलग-अलग बेफिक्र सुहाने सपने । उनकी बातों में बड़ा आनन्द आ रहा था। उनमें चार पांच बरस का एक बच्चा , मैंने उससे भी पूछा , तुम बड़े होकर क्या बनना चाहते हो। बच्चा तपाक से बोला , मैं बड़ा होकर आदमी बनूंगा । सब बच्चे हंसने लगे । किसी ने कहा ,अरे तू अभी आदमी नहीं है क्या । कोई बोला अरे , अभी लड़की है क्या । किसी ने हंसते हुए कहा , ये न बड़ा होकर बड़ी-बड़ी मूंछों वाला आदमी बनेगा । पर वह बालक बिलकुल शांत रहा। कई बरस बाद भी मुझे उसकी बातें याद है। वह बालक भी याद है। जीवन की भागदौड़ में उससे बहुत कम मुलाकात हो पाई। किन्तु कुछ दिनों पहले उससे मुलाकात हुई । उसने इंजीनियरिंग की परीक्षा पास कर बहुत अच्छी नौकरी ज्वाइन कर ली थी , किंतु अच्छी खासी तनख्वाह वाली
नौकरी छोड़ एक छोटे-से गांव में कृषि फार्म काम कर रहा है। बहुत सारे लोगों को काम मिला हुआ है। पिछले दिनों उसके कृषि फार्म जाने का अवसर मिला । देखकर बहुत खुशी हुई , वहां काम करने वालों से बात हुई सब बहुत खुश और संतुष्ट । उसके पिता तो नहीं रहे किंतु वह बालक जो बड़ा होकर आदमी बनना चाहता था। अपनी मां और अपने साथी कर्मियों के साथ संतुष्ट और प्रसन्न है । उसके आदमी बनने की सार्थकता शायद यही है।

अशोक सोनी
भिलाई ।

Language: Hindi
2 Likes · 6 Comments · 525 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मां जब मैं तेरे गर्भ में था, तू मुझसे कितनी बातें करती थी...
मां जब मैं तेरे गर्भ में था, तू मुझसे कितनी बातें करती थी...
Anand Kumar
मन करता है अभी भी तेरे से मिलने का
मन करता है अभी भी तेरे से मिलने का
Ram Krishan Rastogi
सियासत
सियासत
हिमांशु Kulshrestha
वक्त और हालात जब साथ नहीं देते हैं।
वक्त और हालात जब साथ नहीं देते हैं।
Manoj Mahato
"प्लेटो ने कहा था"
Dr. Kishan tandon kranti
#मायका #
#मायका #
rubichetanshukla 781
2630.पूर्णिका
2630.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"वो ख़तावार है जो ज़ख़्म दिखा दे अपने।
*Author प्रणय प्रभात*
सच्चा धर्म
सच्चा धर्म
Dr. Pradeep Kumar Sharma
घबराना हिम्मत को दबाना है।
घबराना हिम्मत को दबाना है।
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जिंदगी, क्या है?
जिंदगी, क्या है?
bhandari lokesh
मैयत
मैयत
शायर देव मेहरानियां
"चांद पे तिरंगा"
राकेश चौरसिया
Being an ICSE aspirant
Being an ICSE aspirant
Sukoon
" नाराज़गी " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
घर
घर
Dr MusafiR BaithA
पूरा कुनबा बैठता, खाते मिलकर धूप (कुंडलिया)
पूरा कुनबा बैठता, खाते मिलकर धूप (कुंडलिया)
Ravi Prakash
मेरे भोले भण्डारी
मेरे भोले भण्डारी
Dr. Upasana Pandey
हाइपरटेंशन(ज़िंदगी चवन्नी)
हाइपरटेंशन(ज़िंदगी चवन्नी)
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
💐प्रेम कौतुक-399💐
💐प्रेम कौतुक-399💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*अभी तो रास्ता शुरू हुआ है.*
*अभी तो रास्ता शुरू हुआ है.*
Naushaba Suriya
भारत माता की वंदना
भारत माता की वंदना
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
काँच और पत्थर
काँच और पत्थर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
किसी भी सफल और असफल व्यक्ति में मुख्य अन्तर ज्ञान और ताकत का
किसी भी सफल और असफल व्यक्ति में मुख्य अन्तर ज्ञान और ताकत का
Paras Nath Jha
काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
Subhash Singhai
अपने आमाल पे
अपने आमाल पे
Dr fauzia Naseem shad
बद मिजाज और बद दिमाग इंसान
बद मिजाज और बद दिमाग इंसान
shabina. Naaz
Sukun usme kaha jisme teri jism ko paya hai
Sukun usme kaha jisme teri jism ko paya hai
Sakshi Tripathi
Loading...