Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Aug 2018 · 1 min read

“मैं आग हूँ , तू पानी है”—कविता

मैं आग हूँ तू पानी है
मैं तपिश तू रवानी है
मैं नज़र हूँ तू आईना
मैं प्यास हूँ तू जवानी है
मैं मुसाफ़िर हूँ तू साहिल है
मैं साहिर हूँ तू आदिल है
मैं तड़पन हूँ तू राहत है
मैं दिल का राजा तू रानी है
मैं आग हूँ तू पानी है………

मैं ज़ालिम हूँ तू जालिमा
मैं सूरज हूँ तू लालिमा
मैं जिस्म हूँ तू रूह मेरी
मैं नींद हूँ तू ख़्वाब है
मैं काँटा हूँ तू गुलाब है
मैं अल्फ़ाज़ हूँ तू जज्बात है
मैं याद हूँ तू निशानी है
मैं क़लम हूँ तू कहानी है
मैं आग हूँ तू पानी है………

मैं चैन हूँ तू मेरा सुकून है
मैं क़ाबिल हूँ तू ख़ातून है
मैं अनजाना तू अनजानी है
मैं बादल हूँ तू तूफानी है
मैं गीत हूँ कोई तू प्रीत है
मैं निबाह हूँ कोई तू रीत है
तेरा अंग अंग गुमानी है
मैं रूखा हूँ बहुत तू धानी है
मैं आग हूँ तू पानी है……..

मैं आशिक़ हूँ तू आशिक़ी
मैं दर्द-ए-दिल तू मौशिकी
मैं दीवाना हूँ तू दीवानगी
मैं आवारा हूँ तू आवारगी
मैं पतंग हूँ तू डोर है
मैं लहर हूँ तू छोर है
मैं इल्तिज़ा तू रूहानी है
मैं सारंगी तू कमानी है
मैं आग हूँ तू पानी है……..

—-अजय “अग्यार

Language: Hindi
189 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" नई चढ़ाई चढ़ना है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
जालोर के वीर वीरमदेव
जालोर के वीर वीरमदेव
Shankar N aanjna
दीपावली
दीपावली
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
💐प्रेम कौतुक-300💐
💐प्रेम कौतुक-300💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Tahrir kar rhe mere in choto ko ,
Tahrir kar rhe mere in choto ko ,
Sakshi Tripathi
अकिंचित ,असहाय और निरीह को सहानभूति की आवश्यकता होती है पर अ
अकिंचित ,असहाय और निरीह को सहानभूति की आवश्यकता होती है पर अ
DrLakshman Jha Parimal
आज अचानक आये थे
आज अचानक आये थे
Jitendra kumar
रूठी बीवी को मनाने चले हो
रूठी बीवी को मनाने चले हो
Prem Farrukhabadi
मसल कर कली को
मसल कर कली को
Pratibha Pandey
2653.पूर्णिका
2653.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak
यहां कश्मीर है केदार है गंगा की माया है।
यहां कश्मीर है केदार है गंगा की माया है।
सत्य कुमार प्रेमी
नव वर्ष (गीत)
नव वर्ष (गीत)
Ravi Prakash
मानवता का
मानवता का
Dr fauzia Naseem shad
इंसानियत का वजूद
इंसानियत का वजूद
Shyam Sundar Subramanian
बँटवारे का दर्द
बँटवारे का दर्द
मनोज कर्ण
"खबर"
Dr. Kishan tandon kranti
लिखने के आयाम बहुत हैं
लिखने के आयाम बहुत हैं
Shweta Soni
इतनी फुर्सत है कहां, जो करते हम जाप
इतनी फुर्सत है कहां, जो करते हम जाप
Suryakant Dwivedi
किरदार हो या
किरदार हो या
Mahender Singh
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
रंग पंचमी
रंग पंचमी
जगदीश लववंशी
बातों - बातों में छिड़ी,
बातों - बातों में छिड़ी,
sushil sarna
।। परिधि में रहे......।।
।। परिधि में रहे......।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
श्री कृष्णा
श्री कृष्णा
Surinder blackpen
स्त्री:-
स्त्री:-
Vivek Mishra
मेरे वतन मेरे वतन
मेरे वतन मेरे वतन
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
उम्र का लिहाज
उम्र का लिहाज
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
अगर आप में व्यर्थ का अहंकार है परन्तु इंसानियत नहीं है; तो म
अगर आप में व्यर्थ का अहंकार है परन्तु इंसानियत नहीं है; तो म
विमला महरिया मौज
वैलेंटाइन डे पर कविता
वैलेंटाइन डे पर कविता
Shekhar Chandra Mitra
Loading...