मेरे हमदम मेरे दोस्त
शुक्रिया ना कहना मेरे दोस्त
मेरा फ़र्ज़ खफ़ा हो जाएगा
जो हो गया खफ़ा फ़र्ज़ मेरा
मेरा वजूद ही मिट जाएगा ।
मैं चाहता हूँ
तुझे नेक राह पर चलते देखूँ
नफ़रत लालच से
नफ़रत करते देखूँ ।
हूँ इंसान मैं भी
और तू भी
चाहता हूँ तुझको भी
इंसानियत के आगे
सजदा करते देखूँ ।
है मेरा फर्ज
तुझे उम्रभर संभाले रखूँ
हूँ इंसान
तुझे इंसान ही बनाए रखूँ ।
हैवान होना
हो गया है आसान
इस दुनिया में
तुझे इस खूंखार दुनिया से
बचाए रखूँ ।
ख्वाहिशें रखना
है जरूरी इस जीवन में
हिस्सा उतना ही रखना
जितना जरूरी हो
तेरे हिस्से में ।
ना दुखाना दिल
किसी राही का
ये अलग नही
ये भी है जरूरी
तेरे किस्से में ।
कली बन
खिल जाना फ़िजा में
देना मुस्कान उस चेहरे को भी
जो बैठा हो
होकर मायूस इस ज़हां में ।
परछाई बनकर
रह सकता हूँ मैं साथ तेरे
पर अँधेरे में
दिया बनकर
खुद ही जलना होगा ।
मुश्किलें साथ है
इस जीवन के
पर खुशियाँ भी कम नही
हर मुश्किल में जीना
उम्मीद लेकर
ना होना निराश कायर होकर ।
नसीव तो है
देन खुदा की
ये वजाह नही है
वैर या सजा की
प्रेम को ही नसीव समझना अपना
हर इंसान को हमदम समझना अपना ।