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4 Feb 2018 · 1 min read

मेरे सपनों का घर

मेरे सपनों का घर

आसपास हरियाली,,
अखियों को लगे बड़ी प्यारी।

मन को लुभा जाती ये हरियाली,,
मैं देख इसको हो जाऊ बलियहारी,,

पेड़ों से सुंदरता बढ़ती है जहाँ की न्यारी,,
बिन समीर की जी नही सकती ये दुनियां सारी।

घर में गूंजे बच्चो की किलकारी,,
बिना इनके नही मुझे चैन आता हैं बेटियां मेरी प्यारी।

घर की सुंदरता में मग्न हो जाती दुनियां सारी
मीठी निंदिया ही मिलती घर मे सखी प्यारी।

मेरा भी सपनो का घर बना सजा रखी है फ़ुलो की क्यारी
पूरे परिवार संग उसमे हमे रहना जिंदगी भर सारी।

कुछ नटखटी मस्तियां होंगी,,
लेकिन सबके संग एक साथ होंगी ये हलचल प्यारी।

जब भी देखू सपनो का घर बनते,,
मन कलियों सा खिल जाता और खुशबू से महक जाती फ़िज़ा सारी।

गायत्री सोनु जैन मन्दसौर????????

Language: Hindi
1480 Views
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