Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2016 · 1 min read

मेरे शब्द/मंदीप

मेरे शब्द/मंदीप

मेरे शब्द मेरी पहचान बताते,
मेरे ही शब्द मेरा लोगो से परिचय करवाते।

है कितना घाव इस दिल में,
मेरे ही शब्द मेरे दिल का हाल बताते।

गिरते है जब भी आँखों से मेरे आँसु,
मेरे ही आँसू बिना बोले शब्द बन जाते।

रहता हूँ जब भी मै तन्हाइयो में,
मेरे ही शब्द मुझे गले से लगते है।

बोलता हूँ जब भी मे ऊँची आवाज में,
मेरे ही शब्द मुझे नीचा दिखाते है।

रूठता है जब भी कोई अपना,
मेरे ही शब्द उसे प्यार से मनाते।

है मेरे शब्दों की अमियत इतनी,
दुश्मन भी मुझे गले से लगाते।

कितना दूर रहा हु में सनम तुझ से
मेरे हर शब्द उस पल का अहसास करवाते।

है कोई “मंदीप” के दिल में कोई
आज कल मुझे उस के शब्द ही बहाते।

मंदीपसाई

373 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शुगर रहित मिष्ठान्न (हास्य कुंडलिया)
शुगर रहित मिष्ठान्न (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
भारत
भारत
Bodhisatva kastooriya
तब मानोगे
तब मानोगे
विजय कुमार नामदेव
जल उठी है फिर से आग नफ़रतों की ....
जल उठी है फिर से आग नफ़रतों की ....
shabina. Naaz
चांद सितारे चाहत हैं तुम्हारी......
चांद सितारे चाहत हैं तुम्हारी......
Neeraj Agarwal
हिन्दी दोहा -स्वागत 1-2
हिन्दी दोहा -स्वागत 1-2
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बंधन में रहेंगे तो संवर जायेंगे
बंधन में रहेंगे तो संवर जायेंगे
Dheerja Sharma
संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है
संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है
Bhupendra Rawat
बहुत याद आता है मुझको, मेरा बचपन...
बहुत याद आता है मुझको, मेरा बचपन...
Anand Kumar
"हरी सब्जी या सुखी सब्जी"
Dr Meenu Poonia
3043.*पूर्णिका*
3043.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet kumar Shukla
चिराग़ ए अलादीन
चिराग़ ए अलादीन
Sandeep Pande
आयी ऋतु बसंत की
आयी ऋतु बसंत की
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
एक गुनगुनी धूप
एक गुनगुनी धूप
Saraswati Bajpai
कुछ चूहे थे मस्त बडे
कुछ चूहे थे मस्त बडे
Vindhya Prakash Mishra
श्री गणेश का अर्थ
श्री गणेश का अर्थ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अच्छाई ऐसी क्या है तुझमें
अच्छाई ऐसी क्या है तुझमें
gurudeenverma198
कभी उगता हुआ तारा रोशनी बांट लेता है
कभी उगता हुआ तारा रोशनी बांट लेता है
कवि दीपक बवेजा
आशा की किरण
आशा की किरण
Nanki Patre
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Pratibha Pandey
दूरदर्शिता~
दूरदर्शिता~
दिनेश एल० "जैहिंद"
दिल धड़कता नही अब तुम्हारे बिना
दिल धड़कता नही अब तुम्हारे बिना
Ram Krishan Rastogi
रामेश्वरम लिंग स्थापना।
रामेश्वरम लिंग स्थापना।
Acharya Rama Nand Mandal
विषय- सत्य की जीत
विषय- सत्य की जीत
rekha mohan
बड़े मिनरल वाटर पी निहाल : उमेश शुक्ल के हाइकु
बड़े मिनरल वाटर पी निहाल : उमेश शुक्ल के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
5) कब आओगे मोहन
5) कब आओगे मोहन
पूनम झा 'प्रथमा'
इमारत बड़ी थी वो
इमारत बड़ी थी वो
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
!! पुलिस अर्थात रक्षक !!
!! पुलिस अर्थात रक्षक !!
Akash Yadav
Love Is The Reason Behind
Love Is The Reason Behind
Manisha Manjari
Loading...