मेरे जवान जवाँ दोस्त रत्नादीप सक्सेना से नोंक झोक
मेरे जवान दोस्त की य़ादो के झरोखों में , मेरे बिते हुये दिनो कि य़ादें …..????
पुरानी किताब के पन्नों के बीच गुलाब क्या दिखा . ?
दिल गुलकंद हो गया !!
और महोल बागबां हो गया ?
दिल की धड़कन तेज हो गई
साँसं में ठनढ़क अा गई
सांस लेता हूँ , तो सिरहन होती. है
निकालता. हूँ , तो कुल्फी ज़म जाती. है |☺
पुरानी किताब ……..
गुज़रे हैं. हम भी , इसी राह से
कभी हमने भी कुछ, कि थी गुजारिश
दिन डलते गये , सांसे फुलती रही
कुल्फी ज़मती. रही , गुलशन सुखते रहे पर य़ादें , किसी को , किसी की
याद में देख , य़ादे ताजी. हो जाती. है
पुरानी किताब …….??