Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2018 · 1 min read

मेरी माँ

मेरी माँ
————-
जन्मते ही
मिला था जो
तेरी बाँहों का घेरा
आलिंगन और स्पर्श
रच दिया था उसने
एक सुरक्षा कवच
मेरे चारों ओर
निश्चिन्त थी मैं
जिसमें तेरे साथ रह कर,
जब से
छिनी है गोद
टूटा है
तेरी बाँहों का घेरा
खो गया है मेरा
सुरक्षा कवच
तब से
काँटों की चुभन में
कितने लहुलुहान हुए मेरे पाँव
किसी को नहीं पता
मेरी माँ!
———————————
डा० भारती वर्मा बौड़ाई
देहरादून, उत्तराखंड

4 Likes · 23 Comments · 470 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Bharati Varma Bourai
View all
You may also like:
शब्द
शब्द
Neeraj Agarwal
अर्धांगिनी
अर्धांगिनी
VINOD CHAUHAN
राना दोहावली- तुलसी
राना दोहावली- तुलसी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जीवन
जीवन
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
तन्हाई
तन्हाई
Rajni kapoor
23/20.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/20.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
व्यंग्य कविता-
व्यंग्य कविता- "गणतंत्र समारोह।" आनंद शर्मा
Anand Sharma
करो पढ़ाई
करो पढ़ाई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बेटी को मत मारो 🙏
बेटी को मत मारो 🙏
Samar babu
नए पुराने रूटीन के याचक
नए पुराने रूटीन के याचक
Dr MusafiR BaithA
मुक्ती
मुक्ती
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
फिर कभी तुमको बुलाऊं
फिर कभी तुमको बुलाऊं
Shivkumar Bilagrami
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
■ श्रद्धांजलि बापू को...
■ श्रद्धांजलि बापू को...
*Author प्रणय प्रभात*
फ़ितरत
फ़ितरत
Priti chaudhary
जीवन अनमोल है।
जीवन अनमोल है।
जगदीश लववंशी
भारत की दुर्दशा
भारत की दुर्दशा
Shekhar Chandra Mitra
रोटी से फूले नहीं, मानव हो या मूस
रोटी से फूले नहीं, मानव हो या मूस
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
काश तुम ये जान पाते...
काश तुम ये जान पाते...
डॉ.सीमा अग्रवाल
बदले नहीं है आज भी लड़के
बदले नहीं है आज भी लड़के
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Dear myself,
Dear myself,
पूर्वार्थ
जहाँ सूर्य की किरण हो वहीं प्रकाश होता है,
जहाँ सूर्य की किरण हो वहीं प्रकाश होता है,
Ranjeet kumar patre
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
Rj Anand Prajapati
यह तो अब तुम ही जानो
यह तो अब तुम ही जानो
gurudeenverma198
सार छंद / छन्न पकैया गीत
सार छंद / छन्न पकैया गीत
Subhash Singhai
माँ (खड़ी हूँ मैं बुलंदी पर मगर आधार तुम हो माँ)
माँ (खड़ी हूँ मैं बुलंदी पर मगर आधार तुम हो माँ)
Dr Archana Gupta
मौत क़ुदरत ही तो नहीं देती
मौत क़ुदरत ही तो नहीं देती
Dr fauzia Naseem shad
Darak me paida hoti meri kalpanaye,
Darak me paida hoti meri kalpanaye,
Sakshi Tripathi
*रखो हमेशा इस दुनिया से, चलने की तैयारी (गीत)*
*रखो हमेशा इस दुनिया से, चलने की तैयारी (गीत)*
Ravi Prakash
Loading...