Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Nov 2018 · 1 min read

मेरी महबूबा मरहम मरहम सी बहती है

इस सर्द मौसम में भी गरम गरम सी बहती है
जालिमा तुम्हारी हर नज़्म तरम तरम सी बहती है

तुमनें तो ग़ज़लों नज़्मों को ग़ुलाम बना रक्खा है
तुम्हारी तारीफ़ में दिले बज़्म आफ़रीं आफ़रीं बहती है

इक तुम्हारें आ जाने से हम कुछ इस तरहा जी उट्ठे
ग़र देख लें तुम्हें जी भरके हवा भी सनम सनम सी बहती है

कोई दर्द ज़ख्म हमारा बाल भी बाँका नहीं कर सकता
इस जिस्मों जाँ में वो महबूबा मरहम मरहम सी बहती है

उसके क़रीब जाने को कभी कभी ये आँखें भर आती हैं
अफ़साने सुनाती हैं बेपनाह इश्क़ के नम नम सी बहती हैं

ये साथ हमारा उम्रभर ज़िंदा रखना ऐ ख़ुदा मेरे मौला मेरे
वो दिलरुबा हाय मरहबा रगों में जनम जनम सी बहती है

~अजय “अग्यार

1 Like · 246 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Unveiling the Unseen: Paranormal Activities and Scientific Investigations
Unveiling the Unseen: Paranormal Activities and Scientific Investigations
Shyam Sundar Subramanian
" माटी की कहानी"
Pushpraj Anant
“ भयावह व्हाट्सप्प ”
“ भयावह व्हाट्सप्प ”
DrLakshman Jha Parimal
हिन्दी दोहा शब्द- फूल
हिन्दी दोहा शब्द- फूल
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
रोला छंद
रोला छंद
sushil sarna
मेरा स्वप्नलोक
मेरा स्वप्नलोक
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
रिश्तों की मर्यादा
रिश्तों की मर्यादा
Rajni kapoor
सफल इंसान की खूबियां
सफल इंसान की खूबियां
Pratibha Kumari
आप तो आप ही है
आप तो आप ही है
gurudeenverma198
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
Rj Anand Prajapati
💐प्रेम कौतुक-422💐
💐प्रेम कौतुक-422💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सोच के रास्ते
सोच के रास्ते
Dr fauzia Naseem shad
*😊 झूठी मुस्कान 😊*
*😊 झूठी मुस्कान 😊*
प्रजापति कमलेश बाबू
वृंदावन की कुंज गलियां
वृंदावन की कुंज गलियां
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पंछी और पेड़
पंछी और पेड़
नन्दलाल सुथार "राही"
चार साहबजादे
चार साहबजादे
Satish Srijan
लगा चोट गहरा
लगा चोट गहरा
Basant Bhagawan Roy
हम भारतीयों की बात ही निराली है ....
हम भारतीयों की बात ही निराली है ....
ओनिका सेतिया 'अनु '
गरीब की आरजू
गरीब की आरजू
Neeraj Agarwal
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
*जानो होता है टिकट, राजनीति का सार (कुंडलिया)*
*जानो होता है टिकट, राजनीति का सार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
साहित्य का बुनियादी सरोकार +रमेशराज
साहित्य का बुनियादी सरोकार +रमेशराज
कवि रमेशराज
रुतबा
रुतबा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तुम्हारे आगे, गुलाब कम है
तुम्हारे आगे, गुलाब कम है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जन्म दिवस
जन्म दिवस
Aruna Dogra Sharma
एक अर्सा हुआ है
एक अर्सा हुआ है
हिमांशु Kulshrestha
बात मेरी मान लो - कविता
बात मेरी मान लो - कविता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैं बेटी हूँ
मैं बेटी हूँ
लक्ष्मी सिंह
वापस
वापस
Harish Srivastava
पीकर भंग जालिम खाई के पान,
पीकर भंग जालिम खाई के पान,
डी. के. निवातिया
Loading...