मेरी देशभक्ति मेरे देश पर फ़ना हो जायेगी
देशभक्ति
मेरी देशभक्ति मेरे देश पर फ़ना हो जायेगी।
दुश्मनों को चीर कर जाँ माँ भारती पर फ़िदा हो जायेगी।
रखना जरा कदमों को सोच समझ कर दुश्मनों,
तुम्हारी जाँ की दुश्मन मेरी हिन्द सेना हो जायेगी।।।
आंतकियों सुनलो जो कपड़े पहनें रहते हो तन बदन पर,
उन कपड़ों पर आर्मियो के बारूद गोलों से तुम्हें आग लग जायेगी।।।।
हम हिन्द है हिंदुस्तानी जरा सोचकर उलझना।
आ गये अपनी मर्जी पर तो तुम्हें धूल चट जायेगी।।।।
यहाँ का हर नोजवान रहता है देशभक्ति के जोश में।
चलना सम्भलकर थोड़ा वरना पैरों में बेड़िया लग जायेगी।।।।।
ये देश है भारत हिम्मत वालो और छप्पन इंची वालों का।
जरा यहाँ की सरजमीं पर देखना आँखे नीची करके वरना आँखे तेरी नोंच ली जायेगी।।।।।।
पाक तेरी क्या औकात हमसे जो तू टकराएगा।
हम रखते है दिल मे सरफ़रोसी की तमन्ना तेरी नशलो को ख़ाक में मिला राख मिल जायेगी।।।।।
रचनाकार
गायत्री सोनू जैन
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