Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Aug 2017 · 1 min read

मेरी तुम

मेरी तुम
………………..

संग तुम्हारा गीत सा, ज्यों स्वर के संग ताल।।
पहले सब बेरंग था, अब जीवन खुशहाल।।

गीत सदा गाते रहो, सुख सपनों के आप।
भूले से भी आये ना, जीवन मे संताप।।

ताम झाम कैसा सनम, सादा सा यह रूप।
तुम जीवन में आईं यूँ, ज्यों सर्दी में धूप।।

पुण्य पुराने जन्म का, जो मेरी तुम आज।
प्रेम तुम्हारा यूँ मिला, सत्कर्मों का ब्याज।।

रोज़ रोज़ देखूं तुम्हें, हँसते खिलते फूल।
हो दिन मेरा आखिरी, जिस दिन जाऊं भूल।।

हिमगिरि सी बढ़ती रहे, नित्य तुम्हारी शान।
मैं चरणों की धूल सा, तुम मेरा सम्मान।।

तम जीवन का हर लिया, दिया प्रेम एहसास।
तुमने अपनाया मुझे, कर मुझ पर विश्वास।।

विजय बेशर्म
प्रतिभा कॉलोनी गाडरवारा
9424750038

Language: Hindi
572 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*कागभुशुंडी जी थे ज्ञानी (चौपाइयॉं)*
*कागभुशुंडी जी थे ज्ञानी (चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
सन् 19, 20, 21
सन् 19, 20, 21
Sandeep Pande
नाहक करे मलाल....
नाहक करे मलाल....
डॉ.सीमा अग्रवाल
कुछ लोग बहुत पास थे,अच्छे नहीं लगे,,
कुछ लोग बहुत पास थे,अच्छे नहीं लगे,,
Shweta Soni
पहाड़ में गर्मी नहीं लगती घाम बहुत लगता है।
पहाड़ में गर्मी नहीं लगती घाम बहुत लगता है।
Brijpal Singh
// अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद //
// अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बिहार से एक महत्वपूर्ण दलित आत्मकथा का प्रकाशन / MUSAFIR BAITHA
बिहार से एक महत्वपूर्ण दलित आत्मकथा का प्रकाशन / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
यूं ही नहीं होते हैं ये ख्वाब पूरे,
यूं ही नहीं होते हैं ये ख्वाब पूरे,
Shubham Pandey (S P)
परिश्रम
परिश्रम
ओंकार मिश्र
कर्म
कर्म
Dhirendra Singh
वक्त के दामन से दो पल चुरा के दिखा
वक्त के दामन से दो पल चुरा के दिखा
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गुलशन की पहचान गुलज़ार से होती है,
गुलशन की पहचान गुलज़ार से होती है,
Rajesh Kumar Arjun
कभी - कभी सोचता है दिल कि पूछूँ उसकी माँ से,
कभी - कभी सोचता है दिल कि पूछूँ उसकी माँ से,
Madhuyanka Raj
■ सीधी सपाट...
■ सीधी सपाट...
*Author प्रणय प्रभात*
प्रेम के नाम पर मर मिटने वालों की बातें सुनकर हंसी आता है, स
प्रेम के नाम पर मर मिटने वालों की बातें सुनकर हंसी आता है, स
पूर्वार्थ
*कोई किसी को न तो सुख देने वाला है और न ही दुःख देने वाला है
*कोई किसी को न तो सुख देने वाला है और न ही दुःख देने वाला है
Shashi kala vyas
कलियों सा तुम्हारा यौवन खिला है।
कलियों सा तुम्हारा यौवन खिला है।
Rj Anand Prajapati
रिश्तों का एहसास
रिश्तों का एहसास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मुझे ना छेड़ अभी गर्दिशे -ज़माने तू
मुझे ना छेड़ अभी गर्दिशे -ज़माने तू
shabina. Naaz
कल पर कोई काम न टालें
कल पर कोई काम न टालें
महेश चन्द्र त्रिपाठी
“POLITICAL THINKING COULD BE ALSO A HOBBY”
“POLITICAL THINKING COULD BE ALSO A HOBBY”
DrLakshman Jha Parimal
दो ही हमसफर मिले जिन्दगी में..
दो ही हमसफर मिले जिन्दगी में..
Vishal babu (vishu)
पानी
पानी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
2303.पूर्णिका
2303.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"वक्त के पाँव"
Dr. Kishan tandon kranti
Pyar ke chappu se , jindagi ka naiya par lagane chale the ha
Pyar ke chappu se , jindagi ka naiya par lagane chale the ha
Sakshi Tripathi
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
अयोध्या धाम
अयोध्या धाम
Mukesh Kumar Sonkar
फिर से अरमान कोई क़त्ल हुआ है मेरा
फिर से अरमान कोई क़त्ल हुआ है मेरा
Anis Shah
आदिशक्ति वन्दन
आदिशक्ति वन्दन
Mohan Pandey
Loading...