“मेरी डायरी से”
मैं अब तुझे खोना नई चाहता,
यादों में तेरी मैं अब रोना नही चाहता,
चल रहा है जैसे बस ऐसे ही चलने दो,
पता है मुझे,
ख़ुदा भी हमें मिलाना नही चाहता।
….✍पंकज शर्मा
मैं अब तुझे खोना नई चाहता,
यादों में तेरी मैं अब रोना नही चाहता,
चल रहा है जैसे बस ऐसे ही चलने दो,
पता है मुझे,
ख़ुदा भी हमें मिलाना नही चाहता।
….✍पंकज शर्मा