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16 Jul 2017 · 1 min read

मेरी ग़ज़ल के दो शेर

चेहरे पर मुखौटा , तेरे शहर के लोग लगाए रहते हैं ।
दिल में कुछ और होता है ,जुबां से कुछ और कहते हैं।
नए आये हैं हम तो, तुम्हारे शहर में सनम , लेकिन
कुछ दिलदार,इस शहर में , हम से पहले भी रहते हैं।।

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