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24 Nov 2018 · 1 min read

मेरी कविता

ज़िंदगी कि देन हैं,
घड़ी वक्त की सेन हैं,
कब आ कर रुक जायें,
ये तो उसकी रेन हैं,
काफ़िलानों से गुज़रें ये लम्हें आपके हज़ार हैं,
कभी वक्त का कभी अपना ये सब उसका बनाया संसार हैं…….!!

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 225 Views
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