Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jul 2017 · 1 min read

मेरी कविता…. ।। अमीरी और गरीबी ।।

अमीरी
और
गरीबी
समाज के दो पहलू
तस्वीर के दो रंग
श्वेत
और
श्याम ।
एक ओर
ऐश्वर्य तो
दूसरी ओर
अभाव –
मगर
दोनों ही पीड़ित
एक को अजीर्ण है
और
दूसरे को एनेमिया ।
नदी के दो किनारों की तरह
एक होकर भी
अलग अलग हैं
अपना अपना अस्तित्व लिए ।
(ईश्वर जैन, उदयपुर)

Language: Hindi
1 Like · 612 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
15- दोहे
15- दोहे
Ajay Kumar Vimal
बाल कविता: बंदर मामा चले सिनेमा
बाल कविता: बंदर मामा चले सिनेमा
Rajesh Kumar Arjun
मेरी निजी जुबान है, हिन्दी ही दोस्तों
मेरी निजी जुबान है, हिन्दी ही दोस्तों
SHAMA PARVEEN
जब आप ही सुनते नहीं तो कौन सुनेगा आपको
जब आप ही सुनते नहीं तो कौन सुनेगा आपको
DrLakshman Jha Parimal
नया युग
नया युग
Anil chobisa
#हिंदी-
#हिंदी-
*Author प्रणय प्रभात*
ज़िंदगी को यादगार बनाएं
ज़िंदगी को यादगार बनाएं
Dr fauzia Naseem shad
3315.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3315.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
लघुकथा -
लघुकथा - "कनेर के फूल"
Dr Tabassum Jahan
"जानिब"
Dr. Kishan tandon kranti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सितम तो ऐसा कि हम उसको छू नहीं सकते,
सितम तो ऐसा कि हम उसको छू नहीं सकते,
Vishal babu (vishu)
जिंदगी के रंगमंच में हम सभी किरदार हैं।
जिंदगी के रंगमंच में हम सभी किरदार हैं।
Neeraj Agarwal
यह कैसा आया ज़माना !!( हास्य व्यंग्य गीत गजल)
यह कैसा आया ज़माना !!( हास्य व्यंग्य गीत गजल)
ओनिका सेतिया 'अनु '
माँ
माँ
संजय कुमार संजू
सुंदरता हर चीज में होती है बस देखने वाले की नजर अच्छी होनी च
सुंदरता हर चीज में होती है बस देखने वाले की नजर अच्छी होनी च
Neerja Sharma
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
Phool gufran
*मिलता सोफे का बड़ा, उसको केवल पास (कुंडलिया)*
*मिलता सोफे का बड़ा, उसको केवल पास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बिल्ली मौसी (बाल कविता)
बिल्ली मौसी (बाल कविता)
नाथ सोनांचली
पेड़ नहीं, बुराइयां जलाएं
पेड़ नहीं, बुराइयां जलाएं
अरशद रसूल बदायूंनी
हजार आंधियां आये
हजार आंधियां आये
shabina. Naaz
आजावो माँ घर,लौटकर तुम
आजावो माँ घर,लौटकर तुम
gurudeenverma198
कोरी आँखों के ज़र्द एहसास, आकर्षण की धुरी बन जाते हैं।
कोरी आँखों के ज़र्द एहसास, आकर्षण की धुरी बन जाते हैं।
Manisha Manjari
जख्म पाने के लिए ---------
जख्म पाने के लिए ---------
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
बकरी
बकरी
ganjal juganoo
काम से राम के ओर।
काम से राम के ओर।
Acharya Rama Nand Mandal
गुलाम
गुलाम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
🙅🤦आसान नहीं होता
🙅🤦आसान नहीं होता
डॉ० रोहित कौशिक
*** आकांक्षा : आसमान की उड़ान..! ***
*** आकांक्षा : आसमान की उड़ान..! ***
VEDANTA PATEL
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त  - शंका
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त - शंका
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...