Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Sep 2017 · 1 min read

मेरा सदग्रंथ….. नज्म-ए-दिल

तेरी अदाओ के मयखाने मे ,
कशमकश है मोहब्बत की ,
फिर क्यू ये तेरा दिल शोर ना करे ।

अश्क बेकरार है आँखो मे आने को ,
सुलगती आग को औस करने को ,
फिर क्यू ये तेरा दिल शोर ना करे ।

हर तरफ है यादों की लहर ,
कोई डर नही है जुल्मों के दौर का ,
फिर क्यू ये तेरा दिल शोर ना करे ।

तेरी तमन्नाओं को साँसों मे बांध कर ,
हर जख्म के लिए तैयार बैठे है ,
फिर क्यू ये तेरा दिल शोर ना करे ।

Language: Hindi
213 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अब हम रोबोट हो चुके हैं 😢
अब हम रोबोट हो चुके हैं 😢
Rohit yadav
रोज हमको सताना गलत बात है
रोज हमको सताना गलत बात है
कृष्णकांत गुर्जर
नारी जीवन
नारी जीवन
Aman Sinha
लगाव
लगाव
Rajni kapoor
■ सियासत के बूचड़खाने में...।।
■ सियासत के बूचड़खाने में...।।
*Author प्रणय प्रभात*
जग मग दीप  जले अगल-बगल में आई आज दिवाली
जग मग दीप जले अगल-बगल में आई आज दिवाली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तेरे बिन घर जैसे एक मकां बन जाता है
तेरे बिन घर जैसे एक मकां बन जाता है
Bhupendra Rawat
💐प्रेम कौतुक-156💐
💐प्रेम कौतुक-156💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कहमुकरी
कहमुकरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ज़िंदगी का सफ़र
ज़िंदगी का सफ़र
Dr fauzia Naseem shad
हवलदार का करिया रंग (हास्य कविता)
हवलदार का करिया रंग (हास्य कविता)
दुष्यन्त 'बाबा'
"ले जाते"
Dr. Kishan tandon kranti
बेचैनी तब होती है जब ध्यान लक्ष्य से हट जाता है।
बेचैनी तब होती है जब ध्यान लक्ष्य से हट जाता है।
Rj Anand Prajapati
साहित्य चेतना मंच की मुहीम घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि
साहित्य चेतना मंच की मुहीम घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि
Dr. Narendra Valmiki
🌷ज़िंदगी के रंग🌷
🌷ज़िंदगी के रंग🌷
पंकज कुमार कर्ण
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
Subhash Singhai
Maine jab ijajat di
Maine jab ijajat di
Sakshi Tripathi
*आई बारिश घिर उठी ,नभ मे जैसे शाम* ( *कुंडलिया* )
*आई बारिश घिर उठी ,नभ मे जैसे शाम* ( *कुंडलिया* )
Ravi Prakash
3268.*पूर्णिका*
3268.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इक दिन तो जाना है
इक दिन तो जाना है
नन्दलाल सुथार "राही"
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
ओनिका सेतिया 'अनु '
गुलाम
गुलाम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
‘’ हमनें जो सरताज चुने है ,
‘’ हमनें जो सरताज चुने है ,
Vivek Mishra
पोषित करते अर्थ से,
पोषित करते अर्थ से,
sushil sarna
मकरंद
मकरंद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
धरा और हरियाली
धरा और हरियाली
Buddha Prakash
दूध-जले मुख से बिना फूंक फूंक के कही गयी फूहड़ बात! / MUSAFIR BAITHA
दूध-जले मुख से बिना फूंक फूंक के कही गयी फूहड़ बात! / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
हर रात की
हर रात की "स्याही"  एक सराय है
Atul "Krishn"
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
धोखे से मारा गद्दारों,
धोखे से मारा गद्दारों,
Satish Srijan
Loading...