Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Mar 2019 · 1 min read

मेरा मन तुम साथ ले गयी

हृदय पटल की स्मृतियों में, प्रिये! विन्यास तुम्हारा है।
मेरा मन तुम साथ ले गयी, मेरे पास तुम्हारा है।
मेरे मन की एक कल्पना,
तुम सर्वाधिक प्यारी हो।
माना बहुत मान है तुममें,
पर दिल मुझपर हारी हो।
चेतनता चिंतन श्वांसों में, प्रिये! बस न्यास तुम्हारा है।
मेरा मन तुम साथ ले गयी, मेरे पास तुम्हारा है।।१।।
दो नयनों के तीरों में तुम,
बहने वाला निर्झर हो।
अभिलाषाऐं प्यास बुझातीं,
तुम अतृप्ति का उत्तर हो।
विहग प्रीति के चहक उठे हैं, यह उल्लास तुम्हारा है।
मेरा मन तुम साथ ले गयी, मेरे पास तुम्हारा है।।२।।
जीवन पथ पर तमस बहुत है,
तुम उजास अंतर्मन में।
तुम उत्सव बनकर आयी हो,
जीवन के सूनेपन में।
चहल- पहल सी रहती मन में, इसमें वास तुम्हारा है।
मेरा मन तुम साथ ले गयी, मेरे पास तुम्हारा है।।३।।
छंद वदन धर गीत बनी तुम,
इन अधरों पर उतरी हो।
अंग अंग में अलंकार है,
रस गुण सी तुम सँवरी हो।
सप्त स्वरों रागों वाद्यों में, बस आभास तुम्हारा है।
मेरा मन तुम साथ ले गयी, मेरे पास तुम्हारा है।।४।।
सहज पुष्प का सुरभित होना,
सहज श्वास जाना आना।
आशातीत प्रयत्न बिना ही,
सहज प्रेम का हो जाना।
है संकोच प्रणय से कैसा, क्या उपवास तुम्हारा है?
मेरा मन तुम साथ ले गयी, मेरे पास तुम्हारा है।।५।।

अंकित शर्मा ‘इषुप्रिय’
रामपुर कलाँ, सबलगढ़, जिला- मुरैना(म.प्र.)
पिनकोड- 476229
मो.- 9516113124

Language: Hindi
Tag: गीत
9 Likes · 623 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अंकित शर्मा 'इषुप्रिय'
View all
You may also like:
3153.*पूर्णिका*
3153.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■ आप भी बनें सजग, उठाएं आवाज़
■ आप भी बनें सजग, उठाएं आवाज़
*Author प्रणय प्रभात*
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ये जनाब नफरतों के शहर में,
ये जनाब नफरतों के शहर में,
ओनिका सेतिया 'अनु '
"तुम्हारी गली से होकर जब गुजरता हूं,
Aman Kumar Holy
बहू-बेटी
बहू-बेटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मेरा प्यारा भाई
मेरा प्यारा भाई
Neeraj Agarwal
*आई बारिश हो गई,धरती अब खुशहाल(कुंडलिया)*
*आई बारिश हो गई,धरती अब खुशहाल(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सुख के क्षणों में हम दिल खोलकर हँस लेते हैं, लोगों से जी भरक
सुख के क्षणों में हम दिल खोलकर हँस लेते हैं, लोगों से जी भरक
ruby kumari
रावण की हार .....
रावण की हार .....
Harminder Kaur
आदम का आदमी
आदम का आदमी
आनन्द मिश्र
सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!!
सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
लघुकथा-
लघुकथा- "कैंसर" डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
दिल
दिल
Er. Sanjay Shrivastava
ये सुबह खुशियों की पलक झपकते खो जाती हैं,
ये सुबह खुशियों की पलक झपकते खो जाती हैं,
Manisha Manjari
दोस्ती
दोस्ती
राजेश बन्छोर
तेरी आवाज़ क्यूं नम हो गई
तेरी आवाज़ क्यूं नम हो गई
Surinder blackpen
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
स्वास विहीन हो जाऊं
स्वास विहीन हो जाऊं
Ravi Ghayal
शुभकामना संदेश
शुभकामना संदेश
Rajni kapoor
खुशियों की आँसू वाली सौगात
खुशियों की आँसू वाली सौगात
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"भुला ना सके"
Dr. Kishan tandon kranti
नहीं है पूर्ण आजादी
नहीं है पूर्ण आजादी
लक्ष्मी सिंह
अगर कभी किस्मत से किसी रास्ते पर टकराएंगे
अगर कभी किस्मत से किसी रास्ते पर टकराएंगे
शेखर सिंह
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
🌺आलस्य🌺
🌺आलस्य🌺
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
आतंकवाद को जड़ से मिटा दो
आतंकवाद को जड़ से मिटा दो
gurudeenverma198
जहाँ से आये हो
जहाँ से आये हो
Dr fauzia Naseem shad
💐प्रेम कौतुक-338💐
💐प्रेम कौतुक-338💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सोने को जमीं,ओढ़ने को आसमान रखिए
सोने को जमीं,ओढ़ने को आसमान रखिए
Anil Mishra Prahari
Loading...