Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2021 · 2 min read

मेरा दोस्त और बचपन

तुम्हारी हरकतों को देखकर, मुझे वो याद आता है।
खोया हुआ मेरे बचपन का यार, मुझे याद आता है ।।

खींच खींच कर, कपड़ों को रगड़ देना ।
चड्डी को फाड़कर, धनुष वाण बना देना।।

पेड़ों पर चढ़कर, डालों पर उछलना ।
लटककर तोड़कर टहनी, कूदकर चोट खाना याद आता है।।

स्कूल से भगाना, क्लास बंक कर देना ।
घने कोहरे से निकल कर डराना याद आता है ।।

घूंसे से टिपिन को खोलकर, ताकत दिखाना ।
रोटी जीव में दवाकर, मुँह बनाकर चवाना ।।

मिर्च खाने की शर्त लगाकर, सभी को बातों में फंसाना।
आँसुओं से रुलाकर सभी को, गुड़ लेकर भाग जाना ।।

दरवाजा बंद करके, क्लास में उतार कर मोज़े घुमाना ।
कुर्सियों पर उछलना, मुँह फाड़कर हँसना याद आता है ।।

पेट दर्द का बनाकर बहाना, स्कूल ना जाना ।
चुराकर बाग़ से अमरूदों को, मुँह में दबाकर खाना ।।

हर बात पर लड़ना, मार पीट कर पहले ही रो जाना ।
आउट होकर जल्दी से बेट बॉल लेकर भाग जाना ।।

जो मिल जाए खा लेना, हर बात पर हिसाब ले लेना ।
नेकर की जेबों को फाड़कर घूमना, याद आता है ।।

पापा की मार से बचने, दादी के पैरों में घुस जाना
सिसकियाँ रोक कर, दादी के साथ सो जाना ।।

आंसुओं से लाल दिखाकर आँखों को, दादी से एक रुपया ले लेना ।
एक गोली दादी को भी देकर, एहसान उतार देना याद आता है ।

ना मुझको भी परवाह थी, ना तुझको भी परवाह थी ।
चीते थे जमीं के आसमाँ के परिंदे थे, सब याद आता है ।।

तेरी हरकतों को देखकर, मेरा गुजरा हुआ बचपन
मुझे अब याद आता है ।।

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 293 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
View all
You may also like:
ढलती हुई दीवार ।
ढलती हुई दीवार ।
Manisha Manjari
बसंत पंचमी
बसंत पंचमी
Mukesh Kumar Sonkar
मुश्किल से मुश्किल हालातों से
मुश्किल से मुश्किल हालातों से
Vaishaligoel
* पानी केरा बुदबुदा *
* पानी केरा बुदबुदा *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Perhaps the most important moment in life is to understand y
Perhaps the most important moment in life is to understand y
पूर्वार्थ
7-सूरज भी डूबता है सरे-शाम देखिए
7-सूरज भी डूबता है सरे-शाम देखिए
Ajay Kumar Vimal
सज्जन से नादान भी, मिलकर बने महान।
सज्जन से नादान भी, मिलकर बने महान।
आर.एस. 'प्रीतम'
कहती है हमें अपनी कविताओं में तो उतार कर देख लो मेरा रूप यौव
कहती है हमें अपनी कविताओं में तो उतार कर देख लो मेरा रूप यौव
DrLakshman Jha Parimal
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सतरंगी आभा दिखे, धरती से आकाश
सतरंगी आभा दिखे, धरती से आकाश
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सात जन्मों की शपथ
सात जन्मों की शपथ
Bodhisatva kastooriya
अंत ना अनंत हैं
अंत ना अनंत हैं
TARAN VERMA
💐अज्ञात के प्रति-142💐
💐अज्ञात के प्रति-142💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कैसे यह अनुबंध हैं, कैसे यह संबंध ।
कैसे यह अनुबंध हैं, कैसे यह संबंध ।
sushil sarna
World Tobacco Prohibition Day
World Tobacco Prohibition Day
Tushar Jagawat
23/204. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/204. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
gurudeenverma198
तेरे जन्म दिवस पर सजनी
तेरे जन्म दिवस पर सजनी
Satish Srijan
यें सारे तजुर्बे, तालीम अब किस काम का
यें सारे तजुर्बे, तालीम अब किस काम का
Keshav kishor Kumar
हिम्मत कभी न हारिए
हिम्मत कभी न हारिए
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
#एड्स_दिवस_पर_विशेष :-
#एड्स_दिवस_पर_विशेष :-
*Author प्रणय प्रभात*
ओढ़कर कर दिल्ली की चादर,
ओढ़कर कर दिल्ली की चादर,
Smriti Singh
प्रीत तुझसे एैसी जुड़ी कि
प्रीत तुझसे एैसी जुड़ी कि
Seema gupta,Alwar
*होइही सोइ जो राम रची राखा*
*होइही सोइ जो राम रची राखा*
Shashi kala vyas
* शक्ति आराधना *
* शक्ति आराधना *
surenderpal vaidya
पुलवामा अटैक
पुलवामा अटैक
लक्ष्मी सिंह
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा*
Ravi Prakash
राहत का गुरु योग / MUSAFIR BAITHA
राहत का गुरु योग / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
मेरी आँख में झाँककर देखिये तो जरा,
मेरी आँख में झाँककर देखिये तो जरा,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
किशोरावस्था : एक चिंतन
किशोरावस्था : एक चिंतन
Shyam Sundar Subramanian
Loading...