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2 Jan 2019 · 1 min read

मेरा देश

दिए नफरतों के बुझाने चला हूँ,
मैं हिन्दू मुसलमा को मिलाने चला हूँ,
न हो कोई दंगा फसाद यहाँ पर,
मैं भारत को भारत बनाने चला हूँ!!

मैं दिवाली मिलके साथ उसके मनाऊँ,
और सेवइयां मैं घर उसको अपने खिलाऊँ,
वो लिए दौड़े आये गंगा का पानी,
प्यार से मैं भी उसको जमजम पिलाऊँ!

मैं दोनो दिलो को मिलाने चला हूँ!!
मैं भारत को भारत बनाने चला हूँ!!

रहे हरसू ऊंचा तिरंगा वो प्यारा,
गूंजे सारी दुनिया मे भारत का नारा,
वतन पर कोई आंच आ जाये तो फिर,
मुत्तहिद होके आगे बढ़े देश सारा!!

यही ख्वाब यारों मैं बुनने चला हूँ,
मैं भारत को भारत बनाने चला हूँ!!

Language: Hindi
Tag: गीत
231 Views
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