मेरा देश
अहिंसा प्रेम का जिसने दिया, संदेश प्यारा है।
त्याग बलिदान से जिसने लिखा,इतिहास न्यारा है ।।
जहां में है नहीं दूजा कि जैसा देश है, अपना
हमारी जान से बढ़कर, वतन भारत हमारा है।।
तिरंगे में लहू जिनका ,फरिश्ते वो हमारे हैं।
शहादत ही कर्म जिनका वतन के वो सितारे हैं।।
फसी मझधार में नैया ,मिला उसको किनारा है।
हमारी जान से बढ़कर वतन भारत हमारा है।।
ये मिट्टी बन गयी चन्दन ,मिला है रक्त वीरों का।
हमारे देश के लोगो कर्ज़ है उन फकीरों का।।
स्वयं कुर्बानियां देकर, दिया हमको सहारा है।
हमारी जान से बढ़कर वतन भारत हमारा है।।