### मेरा दिल मेरा आईना दिखा दे ……. !
गीत / दिनेश एल० “जैहिंद”
मेरा दिल मेरा आईना दिखा दे |
सारी दुनिया को ये सच बता दे ||
(१)
कल क्या था मैं आज क्या हूँ ?
कल कहाँ था मैं आज कहाँ हूँ ?
ये हकीकत जो है तू सब सुना दे —-
मेरा दिल मेरा आईना दिखा दे |
(२)
कल क्या बनूँगा, क्या होगा मेरा ?
अभी सुना दे शुक्रिया होगा तेरा |
सारे लोगों को ये अभी तू जना दे —-
मेरा दिल मेरा आईना दिखा दे |
(३)
मैं कापुरुष, लम्पट, आवारा हूँ !
मैं दुष्ट, अद्धम, नीच, हत्यारा हूँ !!
न दबा अपनी सदा इसको हवा दे —-
मेरा दिल मेरा आईना दिखा दे |
(४)
आदम था, आदम हूँ, ना बदला हूँ |
पशु था, पशु हूँ, अब भी गंदला हूँ ||
अब आदमी बनाके आदमीयत उगा दे —-
मेरा दिल मेरा आईना दिखा दे |
(५)
बस कहने भर को मैं इक इंसान हूँ |
पर दिल में बिठाया एक शैतान हूँ ||
मेरी शैतानीयत दिखाके मुझे रुला दे —–
मेरा दिल मेरा आईना दिखा दे |
(६)
ज्ञान पाकर भी मैं आज ज्ञानहीन हूँ |
विवेकशील होके भी विवेकहीन हूँ ||
ये राक्षसी मुखौटा हटाके मुझे जगा दे —-
मेरा दिल मेरा आईना दिखा दे |
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