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29 Jun 2020 · 1 min read

मेरा दर्द

अफवाह ये शहर में फैली है
कि मुझे कोई दर्द नहीं होता।
कभी मिलकर जानों ये हाल,
मुझे भी दर्द बेहिसाब होता है।

कभी जी करता है चिल्लाऊँ मैं,
अपना रो के दुखड़ा सुनाऊँ मैं।
जो दर्द दफन है सालों से मेरे,
उसे उजागर कर दूँ जहाँ में मेरे।

पर फिर अहसास जागता है,
यारों ये दिखावटी दुनिया है।
दर्द को दफन ही रहने दो यहां,
दर्द जल्दी किस्से बनते हैं जहाँ।

-राधा गुप्ता पटवारी

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 441 Views
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