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17 Aug 2021 · 1 min read

मेरा घरोंदा,,, अफगानिस्तान

अफगानिस्तान मे आजकल जो हो रहा है वो सब लोग जानते है मै कोई अलग से नही जानती हु ।

वहां के हालात देखकर बस मुझे एक ही चीज अंदर से खाये जा रही है कि आखिर घर तोड़ने वाला कौन है

एक इंसान जो खुद भी इंसान है वही दूसरे इंसान का घर तोड़ रहा है सब के घरों को खंडर किये जा रहा है,

एक आदमी दूसरे की खोफ की वजह से अपना घर छोङने को मजबूर है
अपनी जिंदगी भर की मेहनत को रोधकर अपनी जान बचाने के लिए उसे मुंह छुपाकर भागना पड़ रहा है।

आखिर क्यों लोग अपने जैसे दिखने वाले इन इंसानो से डरकर अपना देश छोङ रहे है,,,, क्या ये इंसान ही है

यहाँ पर सब के लिए मै चिंतित हु,,,,,,,, लेकिन अब औरतो का क्या होगा
क्या उतनी आजादी के साथ वो अब भी जी पाएगी
पता नही,,,

,,तिनके तिनके जोड़कर मैंने
अपना घरोंदा बनाया था
पता नहीं किसकी नजर लग गई
मेरे घर को ,,,,,
जो अब तिनके तिनके में बिखर गया
है कोई हाथ जो मेरे घरोंदे को जोड़ पाये
है कोई ऐसा, जो मेरी पुकार सुन पाऐ,,

श्री रावत,,,

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 197 Views
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