Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jul 2020 · 1 min read

“मेरा गुनाह”

मेरा गुनाह क्या है,
??आखिर मेरा गुनाह क्या है,
एक बार मेरे सामने आकर कहतो दे।
??मैं अपना अस्तित्व मिटा दुगी तेरी ख़ुशी के लिए,
तू झूठा ही सही पर इक बार मुस्कुरा तो दे।

Language: Hindi
Tag: शेर
7 Likes · 5 Comments · 448 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक समय के बाद
एक समय के बाद
हिमांशु Kulshrestha
चंद्रकक्षा में भेज रहें हैं।
चंद्रकक्षा में भेज रहें हैं।
Aruna Dogra Sharma
मन अपने बसाओ तो
मन अपने बसाओ तो
surenderpal vaidya
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
रिश्तों की बंदिशों में।
रिश्तों की बंदिशों में।
Taj Mohammad
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
Rj Anand Prajapati
कोठरी
कोठरी
Punam Pande
चंदा मामा से मिलने गए ,
चंदा मामा से मिलने गए ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
"सौदा"
Dr. Kishan tandon kranti
😢4
😢4
*Author प्रणय प्रभात*
नजरिया
नजरिया
नेताम आर सी
3204.*पूर्णिका*
3204.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तेरी मेरी तस्वीर
तेरी मेरी तस्वीर
Neeraj Agarwal
बात कलेजे से लगा, काहे पलक भिगोय ?
बात कलेजे से लगा, काहे पलक भिगोय ?
डॉ.सीमा अग्रवाल
ତୁମ ର ହସ
ତୁମ ର ହସ
Otteri Selvakumar
शहर कितना भी तरक्की कर ले लेकिन संस्कृति व सभ्यता के मामले म
शहर कितना भी तरक्की कर ले लेकिन संस्कृति व सभ्यता के मामले म
Anand Kumar
होती नहीं अराधना, सोए सोए यार।
होती नहीं अराधना, सोए सोए यार।
Manoj Mahato
जन्म से मरन तक का सफर
जन्म से मरन तक का सफर
Vandna Thakur
शराब
शराब
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*प्यार का रिश्ता*
*प्यार का रिश्ता*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बॉलीवुड का क्रैज़ी कमबैक रहा है यह साल - आलेख
बॉलीवुड का क्रैज़ी कमबैक रहा है यह साल - आलेख
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
"परिपक्वता"
Dr Meenu Poonia
लम्बा पर सकडा़ सपाट पुल
लम्बा पर सकडा़ सपाट पुल
Seema gupta,Alwar
बात शक्सियत की
बात शक्सियत की
Mahender Singh
मन का मिलन है रंगों का मेल
मन का मिलन है रंगों का मेल
Ranjeet kumar patre
घर को छोड़कर जब परिंदे उड़ जाते हैं,
घर को छोड़कर जब परिंदे उड़ जाते हैं,
शेखर सिंह
**बकरा बन पल मे मै हलाल हो गया**
**बकरा बन पल मे मै हलाल हो गया**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
After becoming a friend, if you do not even talk or write tw
After becoming a friend, if you do not even talk or write tw
DrLakshman Jha Parimal
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...