Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Aug 2021 · 1 min read

” मेघ “

डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
===============
“कभी तू बनता
कोमल
पंकज ,
मंदिर बनता
और भब्य महल !
कभी लगता
है तू
बन गया
विशाल
स्वर्ग का
स्वेत शिखर !
नभ में
तू विचर रहा
अबिरल
हे मेघ ! बता
तू चला किधर ?”………………
==============
डॉ लक्ष्मण झा , दुमका ,झारखण्ड

Language: Hindi
1 Like · 384 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्यार में
प्यार में
श्याम सिंह बिष्ट
मार्मिक फोटो
मार्मिक फोटो
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
रे मन
रे मन
Dr. Meenakshi Sharma
आप नहीं तो ज़िंदगी में भी कोई बात नहीं है
आप नहीं तो ज़िंदगी में भी कोई बात नहीं है
Yogini kajol Pathak
क्या कहे हम तुमको
क्या कहे हम तुमको
gurudeenverma198
इंसान को,
इंसान को,
नेताम आर सी
“ अपने जन्म दिनों पर मौन प्रतिक्रिया ?..फिर अरण्यरोदन क्यों ?”
“ अपने जन्म दिनों पर मौन प्रतिक्रिया ?..फिर अरण्यरोदन क्यों ?”
DrLakshman Jha Parimal
"आज़ादी के 75 सालों में
*Author प्रणय प्रभात*
मेरी जिंदगी सजा दे
मेरी जिंदगी सजा दे
Basant Bhagawan Roy
रैन बसेरा
रैन बसेरा
Shekhar Chandra Mitra
दिल में आग , जिद और हौसला बुलंद,
दिल में आग , जिद और हौसला बुलंद,
कवि दीपक बवेजा
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
✍️ख्वाहिशें जिंदगी से ✍️
✍️ख्वाहिशें जिंदगी से ✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
किसी से भी
किसी से भी
Dr fauzia Naseem shad
ऐ माँ! मेरी मालिक हो तुम।
ऐ माँ! मेरी मालिक हो तुम।
Harminder Kaur
तुझे भूलना इतना आसां नही है
तुझे भूलना इतना आसां नही है
Bhupendra Rawat
रमेशराज की 11 तेवरियाँ
रमेशराज की 11 तेवरियाँ
कवि रमेशराज
*मेरे पापा*
*मेरे पापा*
Shashi kala vyas
कान्हा प्रीति बँध चली,
कान्हा प्रीति बँध चली,
Neelam Sharma
हिंदू धर्म आ हिंदू विरोध।
हिंदू धर्म आ हिंदू विरोध।
Acharya Rama Nand Mandal
निज़ाम
निज़ाम
अखिलेश 'अखिल'
कोई हंस रहा है कोई रो रहा है 【निर्गुण भजन】
कोई हंस रहा है कोई रो रहा है 【निर्गुण भजन】
Khaimsingh Saini
गरीबी……..
गरीबी……..
Awadhesh Kumar Singh
सासूमां का मिजाज
सासूमां का मिजाज
Seema gupta,Alwar
बगैर पैमाने के
बगैर पैमाने के
Satish Srijan
टेसू के वो फूल कविताएं बन गये ....
टेसू के वो फूल कविताएं बन गये ....
Kshma Urmila
प्रेम【लघुकथा】*
प्रेम【लघुकथा】*
Ravi Prakash
दुनियाँ के दस्तूर बदल गए हैं
दुनियाँ के दस्तूर बदल गए हैं
हिमांशु Kulshrestha
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
जय श्री कृष्ण
जय श्री कृष्ण
Bodhisatva kastooriya
Loading...