मेघ की भावना
कोशिश करता हूँ,
फिसल जाता हूँ,
बार-बार मिलने आता हूँ,
आँसू बनकर निकल जाता हूँ,
पास थोड़ा, दूर थोड़ा हूँ,
मिल नहीं पाता हूँ,
उससे पहले वह जाता हूँ!
-काशीराम अहिरवार
मो.9644962897
कोशिश करता हूँ,
फिसल जाता हूँ,
बार-बार मिलने आता हूँ,
आँसू बनकर निकल जाता हूँ,
पास थोड़ा, दूर थोड़ा हूँ,
मिल नहीं पाता हूँ,
उससे पहले वह जाता हूँ!
-काशीराम अहिरवार
मो.9644962897