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9 Dec 2018 · 1 min read

मेघ की भावना

कोशिश करता हूँ,
फिसल जाता हूँ,
बार-बार मिलने आता हूँ,
आँसू बनकर निकल जाता हूँ,
पास थोड़ा, दूर थोड़ा हूँ,
मिल नहीं पाता हूँ,
उससे पहले वह जाता हूँ!
-काशीराम अहिरवार
मो.9644962897

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 411 Views
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