Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jul 2021 · 1 min read

मेघा जल बरसा दे

सार छन्द (16-12) में रचित
**********************

तपी धरा है,आज बहुत ही,
मन इसका बहला दे।
लगन लगी ह,खूब भींगन की,
मेघा जल बरसा दे।।

बागन में झूले पड़ जाये,
मन सबका हरसा दे।
पपीहा कोयल कक्की चहके,
कलरव आज हँसा दे।।

धरा ध्यान से देख रही है,
उमड़ घुमड़ की छैयां।
आज मिलन से,ही उड़ जाये,
सोंधी खुशबू भैया।।

छेड़ो न देखो तुम चपला,
अचला हो हरियाली।
मिलन प्रतीक का सतरंगी,
देगा अब खुशहाली।

दादुर झींगुर, कूद रहे हैं,
कब आएगा पानी?
जलधर से मिलकर अदिति,
करेगी चूनर धानी।।

धूल जमीं है जड़ चेतन पर,
दे दो ज्ञान का पानी।
मानव मानवता समझे अब,
सुखमय होय जवानी।।

आके रिमझिम बूंदों से अब,
भू को तू हरसा दे।
लगन लगी ह खूब भींगन की,
मेघा जल बरसा दे।।

**********************
अशोक शर्मा,कुशीनगर,उ.प्र.
**********************

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 255 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" तुम्हारे इंतज़ार में हूँ "
Aarti sirsat
पुरानी पेंशन
पुरानी पेंशन
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
विचार सरिता
विचार सरिता
Shyam Sundar Subramanian
जो ज़िम्मेदारियों से बंधे होते हैं
जो ज़िम्मेदारियों से बंधे होते हैं
Paras Nath Jha
"मानद उपाधि"
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक
मुक्तक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
2929.*पूर्णिका*
2929.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खामोश
खामोश
Kanchan Khanna
😊■रोज़गार■😊
😊■रोज़गार■😊
*Author प्रणय प्रभात*
धनतेरस
धनतेरस
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
#Dr Arun Kumar shastri
#Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
किसान आंदोलन
किसान आंदोलन
मनोज कर्ण
गुमशुदा लोग
गुमशुदा लोग
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
Har roj tumhara wahi intajar karti hu
Har roj tumhara wahi intajar karti hu
Sakshi Tripathi
मेरे प्यारे भैया
मेरे प्यारे भैया
Samar babu
इश्क की रूह
इश्क की रूह
आर एस आघात
नव संवत्सर
नव संवत्सर
Manu Vashistha
हम तो फ़िदा हो गए उनकी आँखे देख कर,
हम तो फ़िदा हो गए उनकी आँखे देख कर,
Vishal babu (vishu)
नींदों में जिसको
नींदों में जिसको
Dr fauzia Naseem shad
सिलवटें आखों की कहती सो नहीं पाए हैं आप ।
सिलवटें आखों की कहती सो नहीं पाए हैं आप ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
चरित्रार्थ होगा काल जब, निःशब्द रह तू जायेगा।
चरित्रार्थ होगा काल जब, निःशब्द रह तू जायेगा।
Manisha Manjari
*मारा हमने मूक कब, पशु जो होता मौन (कुंडलिया)*
*मारा हमने मूक कब, पशु जो होता मौन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हे माधव
हे माधव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
Anil Mishra Prahari
मनुख
मनुख
श्रीहर्ष आचार्य
सफलता
सफलता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सवाल~
सवाल~
दिनेश एल० "जैहिंद"
कितने छेड़े और  कितने सताए  गए है हम
कितने छेड़े और कितने सताए गए है हम
Yogini kajol Pathak
ये आंखों से बहती अश्रुधरा ,
ये आंखों से बहती अश्रुधरा ,
ज्योति
Loading...