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2 Apr 2018 · 1 min read

नेता/मूर्ख दिवस

मूर्ख बनाकर नित यहाँ, ठगते नेता चोर ।
मूर्ख दिवस पर क्या भला, कहें निशा को भोर।। १

मुर्ख बनाकर छिन रहें ,नेता मुँह का कौर ।
मूर्ख दिवस फिर क्या भला, महा मूर्ख का दौर ।। २

नेता अब सेवक नहीं, ताकत में मदहोश।
बस कुर्सी पहचानते, झूठे सफेद पोश।। ३

खींचा तानी में लगा, मचा रहा है शोर।
सब नेता इस देश का, बहुत बड़ा है चोर।। ४
-लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
251 Views
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