मुहब्बत की इच्छा, जताने बहुत
मुहब्बत की इच्छा, जताने बहुत
बड़े आये मुझको, मनाने बहुत
कई साल रिश्ता, निभाया सनम
मगर आप को हम, न जाने बहुत
मुझे शाम होते, पुकारो कभी
सुनाने हैं तुमको, फ़साने बहुत
खुदारा* न छेड़ो, मुहब्बत की धुन
कि हैं ज़ख़्म ताज़ा, पुराने बहुत
ख़ता बख़्श दे, अपने बीमार की
‘महावीर’ यूँ तो, दिवाने बहुत
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*खुदारा मतलब ‘खुदा के लिए’