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6 Jul 2016 · 1 min read

मुस्कान

मुक्तक
भेद भुला कर हम मुस्का दें।
गले लगा कर पीर मिटा दें।
निश्छल हृदय मिलन से जग में।
दिवि को ही धरती पर ला दें।
अंकित शर्मा’इषुप्रिय’
रामपुर कलाँ,सबलगढ(म.प्र.)

Language: Hindi
1 Comment · 449 Views
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