Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Aug 2017 · 1 min read

मुमकिन है।

मुमकिन है सही करके गलत कहा जाऊ
सम्भव है गिर गिर कर कही थक भी जाऊ
मुमकिन है पढ कर भी अन्जाना रह जाऊ
सम्भव नही कोशिश करने से हट जाऊ।

मुमकिन है क्षमा करु तो कमजोर कहाऊ
मुमकिन नही अपमान सहूं और चुप रह जाऊ
सम्भव है हाथो से अपनी किस्मत लिख जाऊ
सम्भव नही चुप रहूं नाकाम कहाऊ ।

मुमकिन है अपना गीत पढू कुछ लिख जाऊ
सम्भव है जग मे अलग पहचान बनाऊ
मुमकिन नही अंधेरे मे छि्प जाऊ
सच मै यूं ही नही विन्ध्यप्रकाश कहाऊ।

Language: Hindi
333 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
*दाबे बैठे देश का, रुपया धन्ना सेठ( कुंडलिया )*
*दाबे बैठे देश का, रुपया धन्ना सेठ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
हर अदा उनकी सच्ची हुनर था बहुत।
हर अदा उनकी सच्ची हुनर था बहुत।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
बुंदेली दोहा बिषय- नानो (बारीक)
बुंदेली दोहा बिषय- नानो (बारीक)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
निर्जन पथ का राही
निर्जन पथ का राही
नवीन जोशी 'नवल'
"इशारे" कविता
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
2697.*पूर्णिका*
2697.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रमेशराज का हाइकु-शतक
रमेशराज का हाइकु-शतक
कवि रमेशराज
**कुछ तो कहो**
**कुछ तो कहो**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Kudrat taufe laya hai rang birangi phulo ki
Kudrat taufe laya hai rang birangi phulo ki
Sakshi Tripathi
“बप्पा रावल” का इतिहास
“बप्पा रावल” का इतिहास
Ajay Shekhavat
रिश्ता ये प्यार का
रिश्ता ये प्यार का
Mamta Rani
एक फूल....
एक फूल....
Awadhesh Kumar Singh
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
🚩एकांत महान
🚩एकांत महान
Pt. Brajesh Kumar Nayak
कोरोना काल मौत का द्वार
कोरोना काल मौत का द्वार
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
खुद में, खुद को, खुद ब खुद ढूंढ़ लूंगा मैं,
खुद में, खुद को, खुद ब खुद ढूंढ़ लूंगा मैं,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अगर न बने नये रिश्ते ,
अगर न बने नये रिश्ते ,
शेखर सिंह
👌एक न एक दिन👌
👌एक न एक दिन👌
*Author प्रणय प्रभात*
"आखिर क्यों?"
Dr. Kishan tandon kranti
देश- विरोधी तत्व
देश- विरोधी तत्व
लक्ष्मी सिंह
हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
वसंत - फाग का राग है
वसंत - फाग का राग है
Atul "Krishn"
धोखा
धोखा
Paras Nath Jha
अब गांव के घर भी बदल रहे है
अब गांव के घर भी बदल रहे है
पूर्वार्थ
सारा रा रा
सारा रा रा
Sanjay ' शून्य'
रस्म ए उल्फत भी बार -बार शिद्दत से
रस्म ए उल्फत भी बार -बार शिद्दत से
AmanTv Editor In Chief
॥ संकटमोचन हनुमानाष्टक ॥
॥ संकटमोचन हनुमानाष्टक ॥
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
💐प्रेम कौतुक-456💐
💐प्रेम कौतुक-456💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...