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23 Oct 2018 · 1 min read

मुनिया की रंगोली

मुनिया की रंगोली
नन्हीं आँखों के सपने
उत्सर्जित, अवशिष्ट हुए अपने
नन्हीं उंगलियों की हँसी-ठिठोली
ये मुनिया की रंगोली।
प्रकृति-पोषित ये पर्णपत्र
कुछ पुष्प-गुच्छ भी हुए एकत्र
फूल-पत्तों की हमजोली
ये मुनिया की रंगोली।
सृजन का सुखद अहसास
होठों पे मासूम मृदुहास
खुशियों से भर गई झोली।
ये मुनिया की रंगोली।
-©नवल किशोर सिंह

Language: Hindi
4 Likes · 317 Views
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