मुझे वो दिन बहुत याद आते है
वो बचपन के दिन ।।
वो हँसना खिलखिलाना ।।
वो खेल खिलौनो से खेलना ।।
वो रोना फिर मनना ।।
मुझे वो दिन बहुत याद आते है ।।
वो माँ का बहुत दुलार ।।
वो बाबुल की फटकार ।।
वो भाई का बड़प्पन प्यार ।।
बहनों की मीठी सी तकरार ।।
मुझे वो दिन बहुत याद आते है ।।
वो गाँव की गलियाँ ।।
वो पनघट वो चौबारे ।।
वो सखी संग की सहेलियाँ ।।
वो गुड्डे गुड़ियों की शादी ।।
मुझे वो दिन आज बहुत आते है ।।
वो बारिश का पानी ।।
वो बिजली का चमचमानी ।।
वो दादी का मुझको गुदगुदाना ।।
वो पड़ोसियों का घर बुलाना ।।
मुझे वो दिन बहुत याद आते है ।।
वो पाठशाला के दिन ।।
वो टीचर की डांट का दिन ।।
वो सजा की फिर मन मे घबराहट छिन ।।
वो सहपाठियों का हँसना मेरे बिन ।।
सोनु वो दिन बहुत याद आते है ।।
★★सोनु जैन★★मंदसौर★★