Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jun 2016 · 1 min read

मुझे मेरी सोच ने मारा

नही जख़्मो से हूँ घायल, मुझे मेरी सोच ने मारा ||

शिकायत है मुझे दिन से
जो की हर रोज आता है
अंधेरे मे जो था खोया
उसको भी उठाता है
किसी का चूल्हा जलता हो
मेरी चमड़ी जलाता है |
कोई तप कर भी सोया है,
कोई सोकर थका हारा ||

नही जख़्मो से हूँ घायल, मुझे मेरी सोच ने मारा ||

मै जन्मो का प्यासा हूँ
नही पर प्यास पानी की
ना रह जाए अधूरी कसर
कोई बहकी जवानी की
उतना बदनाम हो जाऊं
वो नायिका कहानी की|
सागर मे नहाता हूँ
मुझे गंगाजल लगे खारा ||

नही जख़्मो से हूँ घायल, मुझे मेरी सोच ने मारा ||

Language: Hindi
528 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
करता रहूँ मै भी दीन दुखियों की सेवा।
करता रहूँ मै भी दीन दुखियों की सेवा।
Buddha Prakash
हिंदीग़ज़ल की गटर-गंगा *रमेशराज
हिंदीग़ज़ल की गटर-गंगा *रमेशराज
कवि रमेशराज
# लोकतंत्र .....
# लोकतंत्र .....
Chinta netam " मन "
चाय ही पी लेते हैं
चाय ही पी लेते हैं
Ghanshyam Poddar
जान हो तुम ...
जान हो तुम ...
SURYA PRAKASH SHARMA
"Looking up at the stars, I know quite well
पूर्वार्थ
3261.*पूर्णिका*
3261.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चेहरे का रंग देख के रिश्ते नही बनाने चाहिए साहब l
चेहरे का रंग देख के रिश्ते नही बनाने चाहिए साहब l
Ranjeet kumar patre
आपकी सोच जैसी होगी
आपकी सोच जैसी होगी
Dr fauzia Naseem shad
चिंतन
चिंतन
ओंकार मिश्र
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक ज़िद थी
एक ज़िद थी
हिमांशु Kulshrestha
क्यों बनना गांधारी?
क्यों बनना गांधारी?
Dr. Kishan tandon kranti
"व्यक्ति जब अपने अंदर छिपी हुई शक्तियों के स्रोत को जान लेता
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मसरूफियत बढ़ गई है
मसरूफियत बढ़ गई है
Harminder Kaur
पूछता है भारत
पूछता है भारत
Shekhar Chandra Mitra
■ संजीदगी : एक ख़ासियत
■ संजीदगी : एक ख़ासियत
*Author प्रणय प्रभात*
*मुहर लगी है आज देश पर, श्री राम के नाम की (गीत)*
*मुहर लगी है आज देश पर, श्री राम के नाम की (गीत)*
Ravi Prakash
#चाह_वैभव_लिए_नित्य_चलता_रहा_रोष_बढ़ता_गया_और_मैं_ना_रहा।।
#चाह_वैभव_लिए_नित्य_चलता_रहा_रोष_बढ़ता_गया_और_मैं_ना_रहा।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
J
J
Jay Dewangan
আজকের মানুষ
আজকের মানুষ
Ahtesham Ahmad
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
Phool gufran
'मौन अभिव्यक्ति'
'मौन अभिव्यक्ति'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मेरी भैंस को डण्डा क्यों मारा
मेरी भैंस को डण्डा क्यों मारा
gurudeenverma198
दोस्त ना रहा ...
दोस्त ना रहा ...
Abasaheb Sarjerao Mhaske
*ख़ास*..!!
*ख़ास*..!!
Ravi Betulwala
बंदर मामा
बंदर मामा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Shabdo ko adhro par rakh ke dekh
Shabdo ko adhro par rakh ke dekh
Sakshi Tripathi
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...