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2 Nov 2018 · 1 min read

मुक्तक

कभी तो ख्वाब सी लगती कभी लगती हकीक़त सी,
मिली है ज़िन्दगी इक क़र्ज़ में डूबी वसीयत सी,
कभी जिनके इशारों पर हवाएँ रुख बदलती थी.,
हवाएँ कर रहीं हैं आज उनसे ही बगावत सी।

Language: Hindi
6 Likes · 1 Comment · 252 Views
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