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22 Jul 2018 · 1 min read

मुक्तक

दबी सी भावनाओं को मेरी आकार दे देना,
सिकुड़ती जिंदगानी को जरा विस्तार दे देना।
तुम्हारी भांति मैं भी मन की बातें कर सकूं खुलकर,
मुझे भी बोलने का तुम जरा अधिकार दे देना।।
-विपिन शर्मा

Language: Hindi
203 Views
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