Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jun 2018 · 1 min read

मुक्तक

अपनी यादों को मिटाना बहुत कठिन है।
अपने गम को भूल जाना बहुत कठिन है।
जब राहे-मयखानों पर चलते हैं कदम,
होश में लौट कर आना बहुत कठिन है।

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
211 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अपने प्रयासों को
अपने प्रयासों को
Dr fauzia Naseem shad
"सरकस"
Dr. Kishan tandon kranti
" सौग़ात " - गीत
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
2996.*पूर्णिका*
2996.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सेवा में,,,
सेवा में,,,
*Author प्रणय प्रभात*
- मर चुकी इंसानियत -
- मर चुकी इंसानियत -
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
माँ का महत्व
माँ का महत्व
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
लंबा सफ़र
लंबा सफ़र
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
तेरे जागने मे ही तेरा भला है
तेरे जागने मे ही तेरा भला है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कर ले कुछ बात
कर ले कुछ बात
जगदीश लववंशी
झाँका जो इंसान में,
झाँका जो इंसान में,
sushil sarna
समय
समय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बस, इतना सा करना...गौर से देखते रहना
बस, इतना सा करना...गौर से देखते रहना
Teena Godhia
भाव - श्रृँखला
भाव - श्रृँखला
Shyam Sundar Subramanian
प्यार के
प्यार के
हिमांशु Kulshrestha
*आई काम न संपदा, व्यर्थ बंगला कार【कुंडलिया】*
*आई काम न संपदा, व्यर्थ बंगला कार【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
चिट्ठी   तेरे   नाम   की, पढ़ लेना सरकार।
चिट्ठी तेरे नाम की, पढ़ लेना सरकार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मेरा भी कुछ लिखने का मन करता है,
मेरा भी कुछ लिखने का मन करता है,
डॉ. दीपक मेवाती
अर्थपुराण
अर्थपुराण
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बुद्ध फिर मुस्कुराए / मुसाफ़िर बैठा
बुद्ध फिर मुस्कुराए / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
रमेशराज के विरोधरस के गीत
रमेशराज के विरोधरस के गीत
कवि रमेशराज
सीमा प्रहरी
सीमा प्रहरी
लक्ष्मी सिंह
Misconceptions are both negative and positive. It is just ne
Misconceptions are both negative and positive. It is just ne
सिद्धार्थ गोरखपुरी
💐प्रेम कौतुक-275💐
💐प्रेम कौतुक-275💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
🚩 वैराग्य
🚩 वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
उतर गया प्रज्ञान चांद पर, भारत का मान बढ़ाया
उतर गया प्रज्ञान चांद पर, भारत का मान बढ़ाया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सांवले मोहन को मेरे वो मोहन, देख लें ना इक दफ़ा
सांवले मोहन को मेरे वो मोहन, देख लें ना इक दफ़ा
The_dk_poetry
पराया हुआ मायका
पराया हुआ मायका
विक्रम कुमार
अब छोड़ दिया है हमने तो
अब छोड़ दिया है हमने तो
gurudeenverma198
पुस्तक
पुस्तक
Vedha Singh
Loading...