Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Mar 2018 · 1 min read

मुक्तक

तेरी याद जब कभी कहानी आती है!
तेरे जख्म की नजर निशानी आती है!
किस्तों में रात चुभती है तन्हाई की,
करवटों में दर्द की रवानी आती है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
169 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रोटियों से भी लड़ी गयी आज़ादी की जंग
रोटियों से भी लड़ी गयी आज़ादी की जंग
कवि रमेशराज
बैसाखी....
बैसाखी....
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
तुम्हें पाने के लिए
तुम्हें पाने के लिए
Surinder blackpen
तितली
तितली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*मन न जाने कहां कहां भटकते रहता है स्थिर नहीं रहता है।चंचल च
*मन न जाने कहां कहां भटकते रहता है स्थिर नहीं रहता है।चंचल च
Shashi kala vyas
वक्त लगता है
वक्त लगता है
Vandna Thakur
नफरतों को भी
नफरतों को भी
Dr fauzia Naseem shad
तंग अंग  देख कर मन मलंग हो गया
तंग अंग देख कर मन मलंग हो गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
#लघुकथा- चुनावी साल, वही बवाल
#लघुकथा- चुनावी साल, वही बवाल
*Author प्रणय प्रभात*
प्रदूषण-जमघट।
प्रदूषण-जमघट।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
चंदा तुम मेरे घर आना
चंदा तुम मेरे घर आना
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
शेखर सिंह
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
तारे दिन में भी चमकते है।
तारे दिन में भी चमकते है।
Rj Anand Prajapati
तू है जगतजननी माँ दुर्गा
तू है जगतजननी माँ दुर्गा
gurudeenverma198
हर जगह मुहब्बत
हर जगह मुहब्बत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दूसरे दर्जे का आदमी
दूसरे दर्जे का आदमी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
माँ तुम सचमुच माँ सी हो
माँ तुम सचमुच माँ सी हो
Manju Singh
!! मुरली की चाह‌ !!
!! मुरली की चाह‌ !!
Chunnu Lal Gupta
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
Ranjeet kumar patre
" भुला दिया उस तस्वीर को "
Aarti sirsat
उसकी गली तक
उसकी गली तक
Vishal babu (vishu)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
रूप पर अनुरक्त होकर आयु की अभिव्यंजिका है
रूप पर अनुरक्त होकर आयु की अभिव्यंजिका है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
इमारत बड़ी थी वो
इमारत बड़ी थी वो
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
💐प्रेम कौतुक-423💐
💐प्रेम कौतुक-423💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आए गए महान
आए गए महान
Dr MusafiR BaithA
तेरी पल पल राह निहारु मैं,श्याम तू आने का नहीं लेता नाम, लगत
तेरी पल पल राह निहारु मैं,श्याम तू आने का नहीं लेता नाम, लगत
Vandna thakur
प्रबुद्ध लोग -
प्रबुद्ध लोग -
Raju Gajbhiye
Loading...