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30 Aug 2017 · 1 min read

मुक्तक

मुझे गुजरा हुआ ज़माना याद आता है!
मुझे गुजरा हुआ अफसाना याद आता है!
वो ख्वाहिशों की रूह से लिपटी हुयी रातें,
मुझे तेरा क़रीब आना याद आता है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
367 Views
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