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12 Aug 2017 · 1 min read

मुक्तक

आरजू तेरी बुला रही है मुझे!
याद भी तुमसे मिला रही है मुझे!
किसतरह मैं रोकूँ दिल की तड़प को?
आग चाहत की जला रही है मुझे!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

Language: Hindi
350 Views
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