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16 Jul 2017 · 1 min read

मुक्तक

अपनी तमन्नाओं पर मैं नकाब रखता हूँ!
धड़कनों में यादों की मैं किताब रखता हूँ!
हर घड़ी तड़पाती है मुझे तेरी गुफ्तगूं,
दर्द तन्हा रातों की बेहिसाब रखता हूँ!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

Language: Hindi
332 Views
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