Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2017 · 1 min read

मुक्तक

जिन्दगी मिलती नहीं किसी को सस्ती बनकर!
कोई तन्हा है कहीं कोई हस्ती बनकर!
नेकियाँ करते चलो तुम भी कुछ जमाने में,
जिन्दगी जी लो तुम राहों में मस्ती बनकर!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

Language: Hindi
1 Like · 506 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🙅आज का मैच🙅
🙅आज का मैच🙅
*Author प्रणय प्रभात*
तन के लोभी सब यहाँ, मन का मिला न मीत ।
तन के लोभी सब यहाँ, मन का मिला न मीत ।
sushil sarna
बुराई कर मगर सुन हार होती है अदावत की
बुराई कर मगर सुन हार होती है अदावत की
आर.एस. 'प्रीतम'
कोई नही है अंजान
कोई नही है अंजान
Basant Bhagawan Roy
* हो जाता ओझल *
* हो जाता ओझल *
surenderpal vaidya
पाँव
पाँव
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मत पूछो मुझ पर  क्या , क्या  गुजर रही
मत पूछो मुझ पर क्या , क्या गुजर रही
श्याम सिंह बिष्ट
प्रकृति
प्रकृति
Monika Verma
"लाचार मैं या गुब्बारे वाला"
संजय कुमार संजू
भरी महफिल
भरी महफिल
Vandna thakur
"हद"
Dr. Kishan tandon kranti
कंचन कर दो काया मेरी , हे नटनागर हे गिरधारी
कंचन कर दो काया मेरी , हे नटनागर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ग़ज़ल-हलाहल से भरे हैं ज़ाम मेरे
ग़ज़ल-हलाहल से भरे हैं ज़ाम मेरे
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
खुशबू बनके हर दिशा बिखर जाना है
खुशबू बनके हर दिशा बिखर जाना है
VINOD CHAUHAN
कोशिश करना छोरो मत,
कोशिश करना छोरो मत,
Ranjeet kumar patre
Who is whose best friend
Who is whose best friend
Ankita Patel
प्यारी तितली
प्यारी तितली
Dr Archana Gupta
2935.*पूर्णिका*
2935.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सोच
सोच
Sûrëkhâ Rãthí
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*आओ चुपके से प्रभो, दो ऐसी सौगात (कुंडलिया)*
*आओ चुपके से प्रभो, दो ऐसी सौगात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Sometimes he looks me
Sometimes he looks me
Sakshi Tripathi
सावन
सावन
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Pardushan
Pardushan
ASHISH KUMAR SINGH
घड़ियाली आँसू
घड़ियाली आँसू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
!! ख़ुद को खूब निरेख !!
!! ख़ुद को खूब निरेख !!
Chunnu Lal Gupta
इन्द्रिय जनित ज्ञान सब नश्वर, माया जनित सदा छलता है ।
इन्द्रिय जनित ज्ञान सब नश्वर, माया जनित सदा छलता है ।
लक्ष्मी सिंह
मसरुफियत में आती है बे-हद याद तुम्हारी
मसरुफियत में आती है बे-हद याद तुम्हारी
Vishal babu (vishu)
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
Hanuman Ramawat
Loading...