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5 Jul 2017 · 1 min read

* मुक्तक *

अंत ही आरम्भ है नई शुरुआत का ।
चलते रहो बेख़ौफ़ डर किस बात का ।।
जीवन मिला है तो मौत भी निश्चित है ।
अंत से घबराकर भागना किस बात का ।।

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 1089 Views
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